जैसा होगा हुनर, प्रवासी मजदूरों को वैसा मिलेगा काम Jamshedpur News
प्रवासी मजदूरों को मनरेगा के तहत तो नियोजित किया ही जाएगा साथ ही अलग अलग कंपनियों में भी उन्हें हुनर के आधार पर काम दिया जाएगा।
By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sat, 30 May 2020 02:43 PM (IST)Updated: Sat, 30 May 2020 02:43 PM (IST)
जमशेदपुर, जासं। migrant laborers लॉकडाउन की अवधि में देश भर से प्रवासी मजदूर लौट रहे हैं। पूर्वी सिंहभूम जिले में भी ऐसे कई प्रवासी मजदूर लौट रहे हैं। जिला प्रशासन ने अब ऐसे मजदूरों को नियोजित करने की रणनीति बनानी शुरू कर दी है।
इन प्रवासी मजदूरों को मनरेगा के तहत तो नियोजित किया ही जाएगा, साथ ही अलग अलग कंपनियों में भी उन्हें हुनर के आधार पर काम दिया जाएगा। जिला प्रशासन ने अब इसके लिए प्रवासी मजदूरों के हुनर के आधार पर उनका वर्गीकरण शुरू कर दिया है। प्रखंड व पंचायत के हिसाब से इनका डाटा-बैंक तैयार किया जा रहा है, ताकि हुनर के हिसाब से उन्हें काम दिया जा सके।
कंपनियों संग बैठक कर डीसी टटोली संभानाएं
उपायुक्त रविशंकर शुक्ला ने एसिया (आदित्यपुर स्मॉल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन) के अलावा टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, जुस्को समेत विभिन्न कारपोरेट कंपनियों के साथ बैठक की थी। प्रवासी मजदूरों का सर्वेक्षण प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं स्वयंसेवी संगठन के सहयोग से कराया जा रहा है। अब तक कुल 743 प्रवासी मजदूरों का सर्वेक्षण विहित प्रपत्र पूर्ण विवरण के साथ प्राप्त हुआ है। इसके अतिरिक्त लगभग 400 प्रवासी मजदूरों का सर्वेक्षण प्रतिवेदन अभी प्राप्त होना है।
562 प्रवासी मजदूर मनरेगा में काम को तैयार
743 प्रवासी मजदूरों के सर्वेक्षण से संबंधित प्राप्त प्रतिवेदन के अनुसार 437 मजदूरी जबकि 63 पौधों के संस्थान में प्रशिक्षित मजदूर, 22 कंस्ट्रक्शन अथवा निर्माण कार्य, 74 कुशल श्रमिक, 27 हेल्पर, जबकि 120 स्वयं का व्यवसाय कर अपना जीवन यापन करते थे। 743 प्रवासी मजदूरों में से कुल 562 व्यक्ति मनरेगा में कार्य करने को इच्छुक हैं। इनमें से 22 मजदूरों को क्वारंटाइन से निकलने के बाद काम भी दे दिया गया।
आदित्यपुर की कंपनियों में भी होगी नियुक्ति
एसिया के अध्यक्ष इंदर अग्रवाल ने जिला प्रशासन को आश्वस्त किया है कि टाटा मोटर्स समेत आदित्यपुर की कंपनियों में काम शुरू होने पर संभावनाएं बनेंगी। लॉकडाउन में यहां की कंपनियों में भी काम करने वाले कई कुशल-अद्र्धकुशल श्रमिक बाहर चले गए हैं। स्वाभाविक है कि कई कंपनियों को इनकी आवश्यकता होगी। प्रवासी मजदूरों में जो भी ट्रेड के हिसाब से मिलेंगे, उन्हें काम दिया जाएगा। वहीं सिंहभूम चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष अशोक भालोटिया ने कहा कि यहां हर तरह की कंपनी है। प्रवासी मजदूरों को हम प्राथमिकता के तौर पर काम देंगे।
अब तक आए 9979 प्रवासी श्रमिक
पूर्वी सिंहभूम जिले में अब तक 9979 प्रवासी श्रमिक आ चुके हैं, जिनका प्रखंडवार ब्योरा जिला मुख्यालय को मिल चुका है। इनका कुशल, अद्र्धकुशल व अकुशल श्रेणी में वर्गीकरण करना शेष है।
प्रखंडवार प्रवासी मजदूरों की सूची
- चाकुलिया (1500)
- पटमदा (1497)
- बहरागोड़ा (1230)
- बोड़ाम (1135)
- डुमरिया (1133)
- पोटका (1095)
- धालभूमगढ़ (792)
- घाटशिला (488)
- जमशेदपुर (149)
- गुड़ाबांधा (408)
- मुसाबनी (552)
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