गहने और अनाज बेचकर अपना इलाज करा रहे आयुष्मान के मरीज jamshedpur news
मरीज कर्ज लेकर इलाज कराने को मजबूर हैं। योजना के तहत यहां भर्ती मरीजों को सामान्य मरीज की तरह ही इलाज मिलता है।
जमशेदपुर (अमित तिवारी)। पूर्वी सिंहभूम जिले में गरीबों के मुफ्त में इलाज के सपने पर पानी फिरता दिख रहा है। कोल्हान क्षेत्र के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल में अबतक एक भी मरीज को आयुष्मान भारत योजना का पूरा लाभ नहीं मिला है। जबकि उनके नाम पर खर्च होने वाली राशि अस्पताल प्रबंधन के यहां जमा पड़ी है।
योजना के तहत बीते नौ माह में इस अस्पताल में कुल 319 मरीजों का इलाज हुआ। इन पर लगभग 35 लाख रुपये खर्च आया। पर एक रुपया भी इनपर खर्च नहीं हुआ। मरीज कर्ज लेकर इलाज कराने को मजबूर हैं। योजना के तहत यहां भर्ती मरीजों को सामान्य मरीज की तरह ही इलाज मिलता है। दवा समेत सभी उपकरण इन्हें बाहर से खरीदना पड़ रहा है। जबकि योजना कैशलेस है। सारा खर्च अस्पताल प्रबंधन को करना है। प्रबंधन को इंश्योरेंस कंपनी भुगतान करती है। फिलहाल योजना के तहत एक दर्जन से अधिक मरीज यहां भर्ती हैं।
इसलिए मरीजों को नहीं मिल रहा योजना का लाभ
योजना के तहत भर्ती होनेवाले मरीजों पर खर्च करने के लिए अस्पताल के पास कोई फंड नहीं है। मरीज पर जितना खर्च आता है, बिल बनाकर इंश्योरेंस कंपनी को भेज दिया जाता है। इंश्योरेंस कंपनी उस एवज में अस्पताल को पैसा भुगतान कर देती है। इस बीच मरीज ठीक होकर अपने घर चले जाते हैं। उनसे अस्पताल प्रबंधन संपर्क ही नहीं करता। अस्पताल प्रबंधन को चाहिए कि मरीज को फोन कर बुलाए और पैसा भुगतान कर दे।
पैसा नहीं होने के कारण घर लौटीं आबदा खातून
जमशेदपुर के मानगो स्थित आजादनगर निवासी आबदा खातून का पैर टूट गया है। एक सप्ताह पूर्व वह एमजीएम अस्पताल पहुंचीं। डॉक्टरों ने कहा कि बाहर से प्लेट खरीदनी पड़ेगी। पैसा नहीं होने के कारण वह घर लौट गईं। आबदा फिर से हड्डी रोग विभाग में भर्ती हुई हैं। वह कर्ज लेकर इलाज करा रही हैं।
आशा को तीन इंजेक्शन बाहर से खरीदने पड़े
गम्हरिया के शिवनारायणपुर निवासी आशा सोरन मजदूर हैं। इलाज के लिए शुरू में बाहर से तीन इंजेक्शन खरीदने पड़े। इस पर करीब एक हजार खर्च आए। इसके बाद कैंसर विभाग पहुंचीं। आयुष्मान कार्ड दिखाया तो जांच व दवाएं मुफ्त में मिलीं। लेकिन, जो दवाएं अस्पताल में मौजूद नहीं हैं बाहर से खरीदनी पड़ रही हैं।
शादी के लिए बनी पायल बिक गई, 45 हजार उधार भी ली
पश्चिम सिंहभूम जिले के चक्रधरपुर की जंयती महतो सड़क दुर्घटना में घायल हो गई थीं। पैर में गंभीर चोट है। वह करीब दो माह से एमजीएम अस्तपाल में भर्ती हैं। उनके इलाज पर अबतक करीब 55 हजार रुपये खर्च हो चुके हैं। दवा खरीदने के लिए जयंती को पायल व घर में रखा धान बेचना पड़ा है। साथ ही 45 हजार रुपये कर्ज लेनी पड़ी है। पिता किसान हैं। मां ने बताया कि बेटी की शादी के लिए पायल बनवाया था। विभाग का नया दिशा-निर्देश आया है। उसके अनुरूप तैयारी की जा रही है। जल्द ही एमजीएम अस्पताल में भर्ती होने वाले सभी मरीजों को आयुष्मान भारत योजना का लाभ मिलने लगेगा।
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