तड़प रहा था मरीज, नहीं आए डॉक्टर, इंजेक्शन लगाते ही मौत
जासं जमशेदपुर महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल में बुधवार की सुबह
जासं, जमशेदपुर : महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल में बुधवार की सुबह उस वक्त हंगामा खड़ा हो गया जब डॉक्टर के इंजेक्शन लगाते ही बिष्टुपुर पार्वती घाट निवासी बोल्टू सरदार (46 साल) ने तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया। हद तो तब हो गई, जब मरने के बाद डॉक्टरों ने उसे ऑक्सीजन लगा दिया। कदमा थाना क्षेत्र के रानीकुदर पेट्रोल पंप के पास टाटा 407 की टक्कर से घायल बोल्टू को लोगों ने सुबह 9.30 बजे इमरजेंसी में भर्ती किया था।
मरीज की मौत के बाद परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया। परिजनों का कहना है कि मरीज ठीक-ठाक था। बात कर रहा था। उसे कोई दिक्कत नहीं थी। इसके बावजूद डॉक्टर ने उसे न जाने कौन सा इंजेक्शन लगा दिया कि वो तड़पने लगा। उसके मुंह से झाग निकलने लगा। वो चिल्ला रहा था। परिजन दौड़ कर डॉक्टर के पास गए। बोल्टू की हालत बताई। लेकिन, डॉक्टर नहीं आए। नर्स बोलीं-यही एक मरीज है क्या। चलो अभी आते हैं। बोल्टू का दामाद महावीर ये सब बताते हुए रोने लगा। बोला काफी मिन्नत करने के बाद भी कोई देखने नहीं आया। मेरा ससुर मेरे सामने ही दम तोड़ गया। मैं उसे बचा नहीं सका।
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टक्कर मारने में चालक गिरफ्तार
मरीज की मौत के बाद उसे लेकर एमजीएम आए दो बाहरी लोग भी डॉक्टर पर आरोप लगा रहे थे। बाद में पता चला कि वे वाहन मालिक थे और खुद बचने के लिए बता रहे थे कि बोल्टू को सांड़ ने दौड़ा दिया तो उसका पैर टूटा है। कदमा थाना पुलिस ने दुर्घटना करने वाले चालक को गिरफ्तार कर लिया है।
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कबाड़ चुनता था बोल्टू
महावीर ने बताया की पार्वती घाट का निवासी बोल्टू सरदार कबाड़ चुनने का काम करता था। वह सुबह कबाड़ चुनने के लिए घर से निकला था। रानीकुदर के पास कबाड़ चुन रहा था कि तभी एक टाटा 407 वाहन ने उसे टक्कर मार दी। उसके पैर की हड्डी टूट गई। एमजीएम अस्पताल लाया गया तो डॉक्टरों ने एक्स-रे करने के बाद उसके पैर की मरहम पट्टी कर दी थी। पत्नी उर्मिला बताती है कि वो अच्छा खासा था। बातचीत कर रहा था।
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कैसे पलेंगी बेटिया, रो रही मां
मृतक बोल्टू सरदार की पत्नी उर्मिला पति की मौत पर रो रही है। बोल्टू सरदार के चार बेटी और एक बेटा है। बोल्टू सरदार किसी तरह कबाड़ बिनकर शाम को जो पैसा इकट्ठा करता था उससे घर का चूल्हा जलता था। चार बेटियों की मां उर्मिला रो रही है कि अब वह लोग कैसे पेट भरेंगे। बेटियों का क्या होगा।
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ये हादसे का मामला था। मरीज की मौत के बाद हमने पोस्टमार्टम के लिए पुलिस बुलाई। परिजन पोस्टमार्टम नहीं चाहते थे। इसलिए हंगामा करते हुए डॉक्टर पर आरोप लगाने लगे।
डॉ. नकुल चौधरी, उपाधीक्षक एमजीएम अस्पताल