83 वर्षीय बुजुर्ग महिला ने कोरोना को दी मात
इसमें कोई शक नहीं कि कोरोना की दूसरी लहर काफी घातक है। इसके कहर से देश भर में त्राहिमाम मचा हुआ है। बच्चे युवा व बुजुर्ग सभी इसके शिकार होकर असमय काल कवलित हो रहे हैं। परंतु हर तरफ से आ रही मानवीय त्रासदी की खबरों के बीच कुछ ऐसे मामले भी सामने आ रहे हैं जो वाकई सुकून व हौसला देने के लिए पर्याप्त है..
संसू, चाकुलिया : इसमें कोई शक नहीं कि कोरोना की दूसरी लहर काफी घातक है। इसके कहर से देश भर में त्राहिमाम मचा हुआ है। बच्चे, युवा व बुजुर्ग सभी इसके शिकार होकर असमय काल कवलित हो रहे हैं। परंतु हर तरफ से आ रही मानवीय त्रासदी की खबरों के बीच कुछ ऐसे मामले भी सामने आ रहे हैं जो वाकई सुकून व हौसला देने के लिए पर्याप्त है। ऐसी ही एक खबर स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में अत्यंत पिछड़े पूर्वी सिंहभूम जिला के चाकुलिया से आई है, जहां एक 83 वर्षीय बुजुर्ग महिला ने कोरोना को सफलतापूर्वक मात दे दी है। यह महिला है शहर के पुराना बाजार मिस्त्रीपाड़ा निवासी सेवानिवृत्त बैंक अधिकारी दिनेश शुक्ला की मां व दिवंगत श्रीधर शुक्ला की पत्नी दमयंती देवी शुक्ला। दमयंती देवी को बीते 6 अप्रैल को स्थानीय सीएचसी में कोरोना का पहला टीका लगाया गया था। लेकिन 5 दिन बाद ही 11 अप्रैल को वे परिवार के अन्य चार सदस्यों के साथ कोरोना संक्रमित पाई गई। संक्रमित होने के 3 दिनों बाद उन्हें सांस लेने में दिक्कत होने लगी और ऑक्सीजन लगाना पड़ा। स्थानीय समाजसेवी विनीत रुंगटा एवं मुन्ना सिंह ने ऑक्सीजन उपलब्ध कराया। 3 दिन तक ऑक्सीजन पर रहने के बाद दमयंती देवी की सेहत में सुधार होने लगा। इसके बाद ऑक्सीजन हटा दिया गया और दमयंती देवी रिकवर कर गई। बीते 22 अप्रैल को उनकी दोबारा जांच की गई जिसमें रिपोर्ट निगेटिव आई। उच्च रक्तचाप की मरीज होने के बावजूद दमयंती देवी ने अपनी इच्छाशक्ति के बल पर इस जानलेवा बीमारी का न केवल डटकर मुकाबला किया बल्कि पराजित भी कर दिखाया। कोरोना का नाम सुनकर ही डर जाने वाले लोगों के लिए वे प्रेरणास्त्रोत हैं।