60 फीसद इमारतों में वाटर हार्वेस्टिंग नहीं
जमशेदपुर में 60 फीसदी इमारतों में वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था नहीं है। हाई कोर्ट ने वाटर हार्वेस्टिंग से महरूम इमारतों का जल कनेक्शन काट देने का आदेश दिया है।
कहां कितनी फीसद इमारतों में वाटर हार्वेस्टिंग
जमशेदपुर - 40
मानगो - 25
जुगसलाई- 15
आदित्यपुर- 25
चाकुलिया- 75
सरायकेला- 6
चाईबासा- 2
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कहां कितने मकान
मानगो - 48 हजार
जुगसलाई- 18 हजार
जमशेदपुर - 75 हजार
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : जमशेदपुर में 60 फीसदी इमारतों में वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था नहीं है। हाई कोर्ट ने वाटर हार्वेस्टिंग से महरूम इमारतों का जल कनेक्शन काट देने का आदेश दिया है। इस पर अमल हुआ तो शहर की आधे से ज्यादा इमारतों में पानी का हाहाकार मच जाएगा।
नगर विकास विभाग ने तो इमारतों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना जरूरी कर दिया है लेकिन जिला प्रशासन और नगर निकायों की लापरवाही की वजह से अब तक 40 फीसदी इमारतों में ही वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम तैयार हो पाया है। यही नहीं, इन 40 फीसदी में से भी 10 प्रतिशत इमारतें ऐसी हैं जहां ये वाटर हार्वेस्टिंग के गड्ढे खराब हो गए हैं और इनकी मरम्मत नहीं की गई है।
जिला प्रशासन ने 2016 में शहर की इमारतों में वाटर हार्वेस्टिंग लगाने की मुहिम चलाई थी। इसके तहत बिल्डरों की बैठक कर तत्कालीन उपायुक्त अमित कुमार ने सभी को अपने अपार्टमेंट में वाटर हार्वेस्टिंग करने को कहा था। इसके अलावा, स्कूलों, होटलों और बड़े कारपोरेट कंपनियों के दफ्तरों को भी वाटर हार्वेस्टिंग करने के निर्देश दिए गए थे। इस मुहिम के तहत सभी नगर निकायों को अपने-अपने इलाके में वाटर हार्वेस्टिंग लगाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इमारतों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित करने के लिए बिल्डरों को एक महीने का समय दिया गया था। इस अवधि के पूरा होने के बाद नगर निकायों मानगो नगर निगम, जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति (जेएनएसी) और जुगसलाई नगर पर्षद को निरीक्षण कर जिला प्रशासन को रिपोर्ट देनी थी कि किन अपार्टमेंट या इमारतों में वाटर हार्वेस्टिंग की सुविधा नहीं है। लेकिन, नगर निकायों ने ये निरीक्षण करने में कोताही बरती। इस वजह से ये मुहिम कामयाब नहीं हो सकी।
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सरकारी आदेश पर अमल नहीं
पिछले साल नगर विकास विभाग ने जमशेदपुर अक्षेस, मानगो नगर निगम और जुगसलाई नगर पालिका को पत्र भेज कर अपने-अपने इलाके की सभी इमारतों व अपार्टमेंट में वाटर हार्वेस्टिंग कराना है। लेकिन, नगर निकायों ने पिछले साल वाटर हार्वेस्टिंग कराने के लिए न तो कोई मुहिम चलाई और ना ही वाटर हार्वेस्टिंग नहीं करने वाले अपार्टमेंटों पर कोई कार्रवाई की। यही नहीं, इस साल भी अब तक नगर निकाय शांत हैं।
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175 इमारतों को नोटिस, किसी ने नहीं लगाया
पिछले साल अप्रैल में जमशेदपुर अक्षेस ने अपने इलाके की 175 इमारतों को वाटर हार्वेस्टिंग नहीं होने पर नोटिस जारी की थी। इन इमारतों में होटल, अपार्टमेंट, स्कूल, नर्सिग होम आदि शामिल थे। इन इमारतों के मालिकों को मई तक अपनी इमारतों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना था। लेकिन, यहां अब तक ये काम नहीं हो सका है।
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बह जाता है 43 खरब लीटर वर्षा जल
जिले में बरसात में 43 खरब 46 अरब लीटर पानी बरसता है। नियमानुसार, 31 फीसद वर्षा जल को ग्राउंड में रिचार्ज करना चाहिए। लेकिन, जिले में बमुश्किल पांच फीसद वर्षा जल ही ग्राउंड में रिचार्ज हो पाता है। अगर सभी इमारतों में वाटर हार्वेस्टिंग हो जाए तो अधिक से अधिक वर्षा जल को ग्राउंड में रिचार्ज किया जा सकेगा।
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अभी हाई कोर्ट का आदेश आया है। इमारतों में वाटर हार्वेस्टिंग के लिए जल्द ही एजेंसी लगाकर सर्वे कराएंगे। इसके बाद उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
-कृष्ण कुमार, विशेष अधिकारी जमशेदपुर अक्षेस