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60 किमी. नहर का काम पूरा, शेष पांच किमी. अधूरा : मुख्य अभियंता

स्वर्णरेखा बहुउद्देश्यीय परियोजना के मुख्य अभियंता बीरेंद्र दयाल राम ने गुरुवार को गालूडीह से बहरागोड़ा तक बन रही मुख्य बायीं नहर के अधूरे कार्य का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उनके साथ बराज अंचल के अधीक्षक अभियंता शिवलाल राम कार्यपालक अभियंता राजकुमार यादव सहायक अभियंता हमीरा सोरेन आतिउल्लाह खान समेत कई कनीय अभियंता शामिल थे..

By JagranEdited By: Published: Fri, 26 Feb 2021 07:10 AM (IST)Updated: Fri, 26 Feb 2021 07:10 AM (IST)
60 किमी. नहर का काम पूरा, शेष पांच किमी. अधूरा : मुख्य अभियंता
60 किमी. नहर का काम पूरा, शेष पांच किमी. अधूरा : मुख्य अभियंता

संवाद सूत्र, गालूडीह : स्वर्णरेखा बहुउद्देश्यीय परियोजना के मुख्य अभियंता बीरेंद्र दयाल राम ने गुरुवार को गालूडीह से बहरागोड़ा तक बन रही मुख्य बायीं नहर के अधूरे कार्य का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उनके साथ बराज अंचल के अधीक्षक अभियंता शिवलाल राम, कार्यपालक अभियंता राजकुमार यादव, सहायक अभियंता हमीरा सोरेन, आतिउल्लाह खान समेत कई कनीय अभियंता शामिल थे। मुख्य अभियंता ने बगुला में बायीं नहर के 15-16 किलोमीटर अधूरे नहर का निरीक्षण कर अभियंताओं को कई दिशा निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि गालूडीह से बहरागोड़ा तक 65 किलोमीटर में से 60 किलोमीटर नहर का काम पूरा हो गया है। परंतु धलभूमगढ़ प्रखंड के बगुला गांव में निर्माण स्थल पर पत्थर निकलने के कारण 5 किलोमीटर कार्य अधूरा है। पत्थर की कटाई की जा रही है। एक वर्ष में शेष कार्य पूरा किया जाएगा। एचसीएल/ आइसीसी कंपनी द्वारा नदी से पानी लेने के संबंध में बताया कि कंपनी से पानी लेने व परियोजना को भुगतान करने के लिए हर माह बिल भेजा जा रहा है। मामला न्यायालय में विचाराधीन होने के कारण अब तक एचसीएल की ओर से भुगतान नहीं किया गया है। पाइप लाइन से खेतों में पहुंचेगा पानी : मुख्य अभियंता

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मुख्य अभियंता बीरेंद्र दयाल राम ने कहा कि किसान की जमीन बचाने के लिए पाइपलाइन से खेतों तक पानी पहुंचाया जाएगा। अंडरग्राउंड पाइप लाइन (ऊजीपीएल) निर्माण कार्य शुरू किया गया है। आने वाले समय में शाखा नहर का निर्माण नहीं होगा। पाइपलाइन से खेतों तक पानी जाएगा। पूर्व में 58 हजार हेक्टेयर पटवन पाइपलाइन से सफलता पूर्वक किया गया है। निर्माण कार्य के लिए केंद्र से 366 करोड़ की राशि मांग की गई थी। प्रशासनिक स्वीकृत नहीं मिलने के कारण राशि उपलब्ध नहीं हो सका।


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