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असंगठित क्षेत्र के कामगारों को बुढ़ापे में सहारा बनेगी 3000 रुपये की पेंशन

असंगठित क्षेत्र में कार्यरत कामगारों को बुढ़ापे में 3000 रुपये की पेंशन उनके लिए सहारा बनेगी। इससे उनका जीवनयापन हो पाएगा।

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 Feb 2019 10:00 PM (IST)Updated: Thu, 14 Feb 2019 10:00 PM (IST)
असंगठित क्षेत्र के कामगारों को बुढ़ापे में सहारा बनेगी 3000 रुपये की पेंशन
असंगठित क्षेत्र के कामगारों को बुढ़ापे में सहारा बनेगी 3000 रुपये की पेंशन

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : असंगठित क्षेत्र में कार्यरत कामगारों को बुढ़ापे में 3000 रुपये की पेंशन उनके लिए सहारा बनेगी। इससे उनका जीवनयापन हो पाएगा।

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उप श्रमायुक्त कार्यालय द्वारा बुधवार को बिष्टुपुर स्थित माइकल जॉन सभागार में लगी कार्यशाला में उप श्रमायुक्त राकेश प्रसाद ने पेंशन योजना की जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि प्रतिमाह 15 हजार रुपये से कम मासिक आय वाले वैसे असंगठित क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारी, जिनका कभी पीएफ व ईएसआइ नहीं कटता है, केंद्र सरकार 15 फरवरी से ऐसे कामगारों के लिए प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन पेंशन योजना ला रही है। इससे देश भर में 42 करोड़ जबकि पूर्वी सिंहभूम जिले में लगभग पांच लाख 86 हजार कामगार लाभान्वित होंगे। उन्होंने बताया कि विभाग के पास तीन लाख 56 हजार 88 कामगार ंनिबंधित हैं जिन्हें सीधे इसका लाभ मिलेगा। फार्म भरकर कामगारों को इस योजना से जुड़ना होगा। 60 वर्ष की उम्र तक अंशदान देने के बाद लाभुक को प्रतिमाह 3000 रुपये की पेंशन मिलेगी। 18 से 40 वर्ष तक की आयु वाले कामगार इस योजना से जुड़ सकते हैं। लाभुक की मौत होने पर परिवार के रूप में उसकी पत्‍‌नी को आधा पेंशन 15 सौ रुपये मिलेगी। इस पेंशन योजना का संचालन भारतीय जीवन बीमा निगम करेगी।

श्रम अधीक्षक-1 अरविंद कुमार, एलआइसी, कॉरपोरेट शाखा के मैनेजर राकेश कुमार, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के प्रवर्तन पदाधिकारी आरआर सहाय, ईएसआइसी के प्रबंधक दिनेश चंद्र मुंडा ने भी कार्यशाला को संबोधित किया।

55 से 200 रुपये देना होगा प्रतिमाह अंशदान

श्रम अधीक्षक दिगंबर महतो ने बताया कि योजना से जुड़ने वाले लाभुकों को प्रतिमाह 55 से 200 रुपये का अंशदान देना होगा। इसमें 18 वर्ष वालों को 55 रुपये, 19 वर्ष वालों को 58 रुपये, 20 वर्ष वालों को 61 रुपये, 21 वर्ष वालों को 64 रुपये, 22 वर्ष वालों को 66 रुपये, 23 वर्ष वालों को 67 रुपये और 40 वर्ष वालों को अधिकतम 200 रुपये का अंशदान देना होगा। ब्रेक हुआ तो ब्याज देकर फिर से जुड़ जाएं

उपश्रमायुक्त राकेश प्रसाद ने बताया कि अगर कोई कर्मचारी तीन-चार माह अंशदान नहीं दे पाए तो पूरे अंशदान और उसका ब्याज देकर फिर से योजना से जुड़ सकता है। अगर लाभुक बीच में ही इससे हटना चाहें तो उन्हें जमा पूरा अंशदान व ब्याज मिलेगा। वंचित वर्ग के लिए सरकार ने सोचा, बेहतर पहल : प्रभा

आदर्श सेवा संस्थान की सचिव प्रभा जायसवाल ने कहा कि एक ओर जहां केंद्र व निजी क्षेत्र में पेंशन बंद हो रही है। दूसरी ओर सरकार वंचित वर्ग को ध्यान में रखते हुए पेंशन योजना के बारे में सोची, बेहतर पहल है।

64 श्रेणी के असंगठित कामगारों को मिलेगा लाभ

माली, धोबी, चाय दुकान संचालक, गली में फेरी लगाने वाला, चाट का ठेला लगाने वाला, कुली, रेजा, कैट¨रग, गैराज मजदूर, ऑटो चालक, रिक्शा चालक, बैंड बजाने वाला, अगरबत्ती बनाने वाले, घरेलू उद्योग से जुड़े मजदूर, कुम्हार, बढ़ाई, लोहार, पुश चराने वाले, मत्सय व मुर्गी पालन में लगे लोग, खेतिहर मजदूर, चरवाहे, रसोइया, पेपर बांटने वाले हॉकर, स्वर्ण आभूषण कारीगर, माल ढुलाई वाले कामगार, भूमिहीन श्रमिक, बुनकर व बीडी उत्पादन में लगे मजदूर सहित अन्य। साढ़े तीन लाख कैसे जुड़ेंगे, बनेगा सिस्टम

विभाग के पास लगभग साढ़े तीन लाख असंगठित क्षेत्र के कामगार निबंधित हैं। ये कैसे योजना से जुड़ पाएंगे? इस सवाल का जवाब देते हुए उपश्रमायुक्त राकेश प्रसाद ने बताया कि इसकी जानकारी उन्हें भी नहीं। लेकिन 15 फरवरी के बाद एक सिस्टम बनेगा। वहीं, कुछ सरकारी अधिकारियों का कहना था कि उन पर इस कार्यशाला को लोकसभा चुनाव की अधिसूचना प्रभावी होने से पहले 15 फरवरी तक करने का दबाव था।


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