Jharkhand: घनी आबादी के बीच सालों से एक घर में बंद रह रहे थे 3 विक्षिप्त भाई, किसी ने नहीं ली खबर, दुर्गंध फैली तो पता चला एक की हो गई मौत
सरायकेला- खरसावां जिले के आदित्यपुर थाना क्षेत्र से दिल दहला देनेवाला मामला प्रकाश में आया है। जहां रोड नंबर 12 के एक घर से सड़ा- गला शव पुलिस ने बरामद किया है। यहां की घनी आबादी के बीच यह एक ऐसा घर है जहां सालों से तीन विक्षिप्त...
सरायकेला (जासं) । सरायकेला- खरसावां जिले के आदित्यपुर थाना क्षेत्र से दिल दहला देनेवाला मामला प्रकाश में आया है। जहां रोड नंबर 12 के एक घर से पुलिस ने सड़ा- गला शव बरामद किया है। यहां की घनी आबादी के बीच यह एक ऐसा घर है, जहां सालों से तीन विक्षिप्त भाई समाज से अलग कटकर घर में बंद रहते थे। इसी बीच छोटे भाई दीपेश की मौत हो गई। मंगलवार को देर रात में घर से बदबू आने पर पड़ोसियों ने इसकी सूचना आदित्यपुर थाना पुलिस को दी। बुधवार को सुबह आदित्यपुर थाना पुलिस के पहुंचने पर घर किसी ने जब घर नहीं खोला तो, पुलिस ने छत के सहारे मकान में प्रवेश किया।
वहीं अंदर का नजारा देखने के बाद पुलिस के होश उड़ गए। घर के एक कमरे में एक भाई मरा पड़ा था, जिसके शरीर से बदबू आ रही थी। वहीं शव के पास ही दूसरा भाई अचेतावस्था में था। जबकि तीसरा भाई भीड़ देख का फायदा उठाकर कहीं भाग गया। वहीं इस घटना के बाद ईलाके में सनसनी फैल गयी। घर में 15 सालों से बिजली, पानी की व्यवस्था नही बताया जाता है कि यह घर स्वर्गीय बी प्रसाद का है, जो टाटा स्टील में कार्यरत थे। 15 साल पहले उनकी मौत हो चुकी है।
इन विक्षिप्त भाइयों की मां और बहन की भी कई साल पहले ही मौत हो चुकी है। करीब 15 सालों से तीनों विक्षिप्त भाई, जिनमें सबसे बड़ा गुड्डू, मंझला अप्पू और सबसे छोटा दीपेश रहते थे। तीनों भाई सामाजिक गतिविधि से दूर घर के अंदर कैद रहते थे। सबसे छोटे भाई दीपेश की मौत हो गई। जब शव से दुर्गंध आने लगी तो लोगों ने इसकी सूचना पुलिस के दी। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। जबकि उसके मझले भाई अप्पू की स्थिति भी बिलकुल खराब है। गंभीर हालत देखते हुए उसे जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस के आने के बाद से बड़ा भाई गुड्डू घर से फरार है।
पिता की मौत के बाद तीनों विक्षिप्त भाई घर में ही बंद रहते थे। इनमें से बड़ा भाई गुड्डू बाजारों में साफ-सफाई का काम करता था। केवल वही घर से निकलता था। उसका घर खंडहर में तब्दील हो चुका है। विक्षिप्त भाइयों ने पूरे घर में प्लास्टिक के रस्सी का जाल बिछा रखा है। स्थानीय लोगों ने बताया कि 6 महीने से किसी ने दोनों विक्षिप्त भाइयों को नहीं देखा था। लेकिन सबसे बड़ा भाई गुड्डू बाजार में दिखाई देता था। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि खाना नहीं मिलने के कारण भूख से ही छोटे भाई की मौत हुई है। आदित्यपुर थाना प्रभारी राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि मौत कैसे हुई है पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही चल सकेगा। फिलहाल, पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।
भयंकर दुर्गंध आने पर पड़ोसियों को हुआ शक
विगत 3 दिनों से रोड नंबर 12 में विक्षिप्त भाइयों के घर के आसपास रहने वाले अन्य लोगों को भयानक सदन और बदबू की दुर्गंध आ रही थी, जिसे लेकर मंगलवार देर रात स्थानीय लोगों ने आदित्यपुर पुलिस को घर से बदबू आने की सूचना दी।