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स्वास्थ्य विभाग में 182 आउटसोर्स कर्मचारी बैठाए गए

पहले से ही कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा स्वास्थ्य विभाग से मंगलवार को करीब 50 फीसद आउटसोर्स कर्मचारियों को बैठा दिया गया। अचानक से लिए गए इस निर्णय से कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। सभी को नोटिस थमाया जा रहा है और कहा जा रहा है कि यह निर्णय सरकार का है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 03 Nov 2020 10:28 PM (IST)Updated: Tue, 03 Nov 2020 10:28 PM (IST)
स्वास्थ्य विभाग में 182 आउटसोर्स कर्मचारी बैठाए गए
स्वास्थ्य विभाग में 182 आउटसोर्स कर्मचारी बैठाए गए

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : पहले से ही कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा स्वास्थ्य विभाग से मंगलवार को करीब 50 फीसद आउटसोर्स कर्मचारियों को बैठा दिया गया। अचानक से लिए गए इस निर्णय से कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। सभी को नोटिस थमाया जा रहा है और कहा जा रहा है कि यह निर्णय सरकार का है। इससे कर्मचारियों में भारी आक्रोश है। उनके द्वारा आंदोलन की चेतावनी दी गई है। कर्मचारियों का कहना है कि सरकार रोजगार देने की बात कहती है और काम छीन रही है।

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जिले में सदर अस्पताल सहित 18 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी), नौ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) व 244 उप-स्वास्थ्य केंद्र संचालित है. ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा पूरी तरह से आउटसोर्स कर्मचारियों के भरोसे ही संचालित होता है। उनके हटने से यहां पर इलाज मिलना भी मुश्किल हो जाएगा। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डा. नितिन मदन कुलकर्णी ने जरूरत से अधिक कर्मचारियों को हटाने का निर्देश दिया है लेकिन, जिले में कर्मचारियों की कमी होने के बावजूद हटा दिया गया है। जिले में आउटसोर्स पर लगभग 300 कर्मचारी तैनात हैं। इसमें 157 कर्मचारी को हटा दिया गया है। एमजीएम अस्पताल से भी हटाए गए 25 कर्मचारी एमजीएम अस्पताल से भी आउटसोर्स पर तैनात लगभग 25 कर्मचारी को हटा दिया गया है। हालांकि, अधीक्षक के आश्वासन पर सिर्फ कंप्यूटर आपरेटर काम कर रहे हैं लेकिन उनको एजेंसी ने नोटिस थमा दिया है। एमजीएम से कंप्यूटर, नर्स, टेक्नीशियन, चालक, ड्रेसर सहित अन्य कर्मचारी को हटाया गया है।

------- कर्मचारियों का हटाने का आदेश आया है। उजिले में 150 से अधिक आउटसोर्स कर्मचारियों को हटाया जा रहा है। जो समस्या समस्या सामने आएगी उससे विभाग को अवगत कराया जाएगा। सदर अस्पताल को बेहतर ढंग से संचालित करना किसी चुनौती से कम नहीं है।

- डा. आरएन झा, सिविल सर्जन, पूर्वी सिंहभूम।


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