मैं राष्ट्रधर्म निभा रहा हूं और जयंत राजधर्म: यशवंत सिन्हा
पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने कहा है कि वह अपना राष्ट्रधर्म निभा रहे हैं और उनके पुत्र जयंत सिन्हा अपना राजधर्म।
जागरण संवाददाता, हजारीबाग। पिछले दिनों भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देकर दलगत राजनीति से संन्यास की घोषणा करने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने कहा है कि वह अपना राष्ट्रधर्म निभा रहे हैं और उनके पुत्र केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा अपना राजधर्म।
मंगलवार को हजारीबाग (झारखंड)में पत्रकारों से बातचीत में यशवंत सिन्हा ने कहा कि 2014 में उन्होंने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया था, अब दलगत राजनीति से संन्यास ले लिया।
केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि मिलना तो दूर पीएम ने उन्हें समय तक नहीं दिया। गृहमंत्री के पास भी मेरे लिए समय नहीं है। किसी ने मेरे सुझाव तक नहीं लिए। इसकी मुझे परवाह नहीं, जब तक शरीर में प्राण हैं तब तक मैं राष्ट्रीय मंच से लोकतंत्र बचाने के लिए लड़ता रहूंगा। कहा, देश का लोकतंत्र खतरे में है, अल्पसंख्यकों में भय है। दुष्कर्म को लेकर लंदन में पीएम का विरोध हो रहा है।
देश की हालत बेहतर नहीं हैं। देश में लोकतंत्र चार साल से बंधक है। सीबीआइ हो, सरकारी एजेंसियां या मीडिया सभी को नियंत्रण में रखा गया है। कहा, जीएसटी केंद्र का सबसे बढि़या प्रयास था लेकिन लागू करने का तरीका गलत है। जुलाई 2017 से लेकर अब तक 15 महीने में 60-70 बार इसमें संशोधन किया गया है। नोटबंदी में भी सरकार असफल रही है। इसके बाद नकली नोटों का चलन बढ़ा है।