Chhath-Puja: छूटा था बेटे का साथ, बेटियों के लिए अटूट रहा छठी मइया पर विश्वास Hazaribagh News
Chhath-Puja 2019. बरही की अनिता देवी पिछले लगातार दस साल से छठ कर रही हैं। चार बेटियों के बाद हुए बेटे की छह साल पहले हो गई थी मौत।
हजारीबाग, [विकास कुमार]। लोक आस्था का महापर्व छठ। यह समाज से बेटे और बेटी के फर्क को मिटाने का बड़ा सामाजिक संदेश देता है। कई माताएं हैं, जो बेटियों की समृद्धि और उनकी मंगलकामना के लिए छठ करती हैं। इनमें से एक हैं बरही कोनरा गांव की अनिता देवी। इनकी चार बेटियां हैं। इन बेटियों के लिए अनिता देवी अनवरत 10 सालों से व्रत रखती आ रही हैं। छठी मइया से अनिता का यह अटूट रिश्ता छह साल पहले अपने सबसे छोटे बेटे को खोने के बाद भी नहीं टूटा।
छठ के दो माह बाद एक हादसे में डूबने से उनके चार साल के बेटे की मौत हो गई थी। चार बेटियों के बाद प्राप्त एक बेटे को खोने के बाद अनिता देवी पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा था। परिवार सदमे में था, लेकिन फिर बेटियों की समृद्धि और उनके उज्ज्वल भविष्य को लेकर छठी मइया के प्रति उनकी आस्था कम नहीं हुई। इस बार वे लगातार 10वें साल छठ कर रही हैं।
उनके पति नरेश पासवान और बड़ी बेटी का इसमें साथ मिल रहा है। उनकी ही आस्था देखकर दो साल से अनिता की ननद शारदा देवी भी उनके साथ छठ कर रही हैं। अनिता देवी बताती हैं कि उनके लिए बेटियां ही सबकुछ है। उनकी बड़ी बेटी अंजलि स्नातक कर चुकी हैं और निजी स्कूल में पढ़ा रही हैं। वे सभी बेटियों की अच्छी शिक्षा दे रही हैं।
सास ने सौंपी थी जिम्मेदारी
अनिता देवी बताती हैं कि उनकी सास शैली देवी लगातार 20 वर्षों से छठ कर रही थीं। 10 साल पूर्व उन्होंने मुझे छठ मइया के सूप उठाने की जिम्मेवारी दी थी। इसके बाद से मैं लगातार छठ कर रही हूं। मेरी चारों बेटियां इसमें मेरा साथ देती हैं। बस मेरी यही कामना है कि मेरी बेटियों को समृद्धि मिले, वे जीवन में आगे बढ़ें।