प्लास्टिक कचरा निस्तारण का विकल्प बनेंगी ये सड़कें
विकास कुमार हजारीबाग सिगल यूज प्लास्टिक को सड़क निर्माण का विकल्प बनाने का प्रयोग अगर पू
विकास कुमार हजारीबाग : सिगल यूज प्लास्टिक को सड़क निर्माण का विकल्प बनाने का प्रयोग अगर पूरी तरह सफल रहा तो यह कचरा निस्तारण का सबसे बड़ा विकल्प बन जाएगा। एनएचएआइ भी मानती है कि अगर सब ठीक रहा तो सड़कों के निर्माण से ही सिगल यूज प्लास्टिक का निपटारा कर लिया जाएगा। इसके लिए रोड मैप भी तैयार कर लिया गया है। एचएचएआइ पूरे देश में इसपर काम कर रही है। राज्य में पहली बार हजारीबाग में यह प्रयोग किया गया है। वर्तमान में एनएच 33 फोर लेन निर्माण कार्य में लगी एजेंसी रामकी कंस्ट्रक्शन में सिगल यूज प्लास्टिक को जमा किया जा रहा है। यहां पर कुछ महिलाओं को भी प्लास्टिक कचरे की सफाई का जिम्मा दिया गया। बताया गया कि एनएचएआइ के द्वारा 800 केजी कचरे का इस्तेमाल पहली बार सड़क निर्माण में किया गया है। साथ ही वाहनों के परिचालन के बाद भी सड़क मानक पर खरी उतरती है तो सिगल यूज प्लास्टिक को जमा करने के लिए कई सेंटर भी एनएचएआइ बनाएगी। बात करें सिर्फ हजारीबाग की ही तो यहां कचरा डंप व्यवस्थित नही होने की वजह से सिगल यूज प्लास्टिक शहर के लिए सबसे बड़ी समस्या बन गई थी। इससे भी लोगों को निजात मिलेगी।
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प्लास्टिक का एक अंश भी नही आया बाहर
पहली बार प्लास्टिक के प्रयोग को लेकर एनएचएआइ के प्रोजेक्ट निदेशक अपनी पूरी टीम के साथ रामकी कंस्ट्रक्शन के कैंप में मौजूद थे। उन्होंने स्वयं हॉट मिक्स प्लांट में जाकर तैयार सामग्री को देखा। इसमें सड़क निर्माण के लिए तैयार सामग्री में प्लास्टिक का एक भी अंश बाहर नहीं दिख रहा था। इस दौरान एनआइपी के कार्यपालक अभियंता एसके सिन्हा, रोड डिवीजन के कार्यपालक अभियंता टूनटून सिंह समेत अन्य विभाग के इंजीनियर भी मौजूद थे।