गीता आध्यात्मिक ज्ञान का स्त्रोत : प्रो शिवदयाल सिंह
हजारीबाग स्थानीय मालवीय मार्ग अवस्थित भाग्यमनी विवाह भवन सभागार में सनातन जागरण संस्थान हजारीबाग में कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
हजारीबाग : स्थानीय मालवीय मार्ग अवस्थित भाग्यमनी विवाह भवन सभागार में सनातन जागरण संस्थान हजारीबाग के तत्वावधान में गीता जयंती समारोह का भक्ति भाव से शुक्रवार को आयोजन किया गया। अतिथि व वक्ता के रूप में विख्यात शिक्षाविद् मार्खम कॉलेज के पूर्व प्राचार्य प्रो. शिवदयाल सिंह, विभावि के पूर्व संस्कृत विभागाध्यक्ष ताराचंद प्रसाद शुक्ल, हजारीबाग के पूर्व सांसद प्रो. यदुनाथ पांडेय, पूर्व सांसद महावीर लाल विश्वकर्मा, बड़ा अखाड़ा के महंत विजयानंद दास और सनातन जागरण संस्थान के फलहारी बाबा उपस्थित हुए। सभी ने एक- एक कर गीता जयंती और श्रीमछ्वागवत गीता के महत्व पर प्रकाश डाला। प्रो. शिवदयाल सिंह ने बताया कि गीता आध्यात्मिक ज्ञान का स्त्रोत है और शाश्वत शांति का मार्ग प्रशस्त करती है। उन्होंने समाज के सभी जनों से प्रतिदिन गीता के एक या दो श्लोक का पाठ करने और इसके यथार्थ को अपने दैनिक जीवन में आत्मसात करने का आग्रह किया। प्रो. ताराचंद प्रसाद शुक्ल ने गीता को सभी ग्रंथों का सार बताते हुए इसके संदेश को जीवन में अपनाने की अपील की। पूर्व सांसद यदुनाथ पांडेय और महावीर लाल विश्वकर्मा ने संयुक्त रूप से कहा कि गीता के उपदेश को जीवन में आत्मसात कर मनुष्य एक आदर्श और उत्कृष्ट जीवन जी सकता है। महंत विजयानंद दास ने कहा कि कुरुक्षेत्र में महाभारत के युद्ध क्षेत्र के दौरान भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को भागवत गीता का ज्ञान दिया था। यह ज्ञान संपूर्ण विश्व के लिए सर्वश्रेष्ठ ज्ञान बनकर विश्व का मार्गदर्शन करता है।
इससे पूर्व संस्थान द्वारा गीता जयंती समारोह का शुभारंभ भगवान श्री कृष्ण और श्रीमछ्वागवत गीता के नयनाभिराम श्रृंगार के साथ भजन- कीर्तन करते हुए घंटी बजाकर गीता का सामूहिक पाठ वह महाआरती के बीच भोग लगाकर किया गया। मौके पर विशेषरूप से अर्जुन सिंह, कन्हैया शर्मा, दिनेश्वर सिंह, संजय शरण, प्रमोद सिंह, कौशल किशोर सिंह, सदर विधायक मीडिया प्रतिनिधि रंजन चौधरी, अजय शर्मा, ललितेश्वर चौधरी, निवास शर्मा, अभिमन्यु सिंह, आदि मौजूद रहे।