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प्रज्ञा केंद्र संचालको ने बिजली विभाग के खिलाफ खोला मोर्चा

संवाद सूत्र कटकमसांडी प्रज्ञा केंद्र संचालकों ने बिजली बिल घोटाले मामले में बैठक कर बिजली

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Nov 2019 07:37 PM (IST)Updated: Sun, 17 Nov 2019 07:37 PM (IST)
प्रज्ञा केंद्र संचालको ने बिजली विभाग के खिलाफ खोला मोर्चा
प्रज्ञा केंद्र संचालको ने बिजली विभाग के खिलाफ खोला मोर्चा

संवाद सूत्र कटकमसांडी : प्रज्ञा केंद्र संचालकों ने बिजली बिल घोटाले मामले में बैठक कर बिजली विभाग के एसडीओ समेत सीएससी स्टेट हेड शंभू कुमार हजारीबाग जिला मैनेजर्स के ऊपर केस करने का निर्णय लिया। ज्ञात हो कि कुछ दिनों पहले हजारीबाग जिले के 169 प्रज्ञा केंद्र संचालकों पर बिजली बिल का गबन करने का आरोप लगाते हुए संबंधित थाना में संचालकों के ऊपर बिजली विभाग के एसडीओ द्वारा एफआइआर किया गया है। प्रज्ञा केंद्र संचालकों का कहना है कि सीएससी ई-गवर्नेस सर्विस इंडिया लिमिटेड द्वारा बनाए गए पोर्टल डिजिटल सेवा के माध्यम से हम लोग ग्रामीण स्तर पर ग्राहकों को आय, आवासीय, जाति, पैन कार्ड, पासपोर्ट आदि तथा बिजली बिल का भी भुगतान किया करते थे। विगत पिछले दो वर्षो से सीएससी पोर्टल तथा जेवीएनएल के पोर्टल पर आए कुछ तकनीकी खराबी के कारण संचालकों द्वारा भुगतान किया गया। बिल का पैसा डिजिटल सेवा पोर्टल के डिजिटल वॉलेट में 10-15 दिनों में पुन: वापस आ जाता था।

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इसकी जानकारी संचालकों द्वारा समय समय पर सीएससी कंपनी द्वारा बनाया गया हजारीबाग जिले के वॉट्सएप ग्रुप एवं मेल के माध्यम से हजारीबाग जिले के सीएससी मैनेजर्स निजामुद्दीन, रोशन कुमार, एवं मुकेश झा को हमेशा दी जाती थी। परंतु मैनेजर्स द्वारा कुछ एक्शन न लेकर सिर्फ यह कहा जाता रहा कि संचालक अपने कार्य को करते रहे। जो भी पैसा वापस आ रहा है, वह वालेट से कट जाएगा।

बैठक मे बताया गया कि तकरीबन जिले में 110 संचालक ऐसे हैं, जिनके डिजिटल वॉलेट से सीएसई द्वारा वापस आया हुआ पैसा फरवरी, मार्च व अप्रैल 2019 में ही काट लिया गया है और उन संचालकों का एक भी पैसा बकाया नहीं है। परंतु जेबीएनएल के एसडीओ द्वारा थाने में एफआईआर दर्ज कर संचालकों के ऊपर झूठा आरोप लगाया है, जो जांच का विषय है

संचालकों ने यह भी बताया कि हम लोग सभी कार्य हजारीबाग जिले में सीएसी मैनेजर्स के देखरेख में करते हैं और इस तरह के टेक्निकल खराबी की सूचना हम लोग हमेशा मैनेजर्स को देते आए थे। परंतु उनके द्वारा कभी भी कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया। हजारीबाग जिला में तकरीबन 25-30 संचालक ऐसे हैं, जिन्होंने सीएससी एवं बिजली विभाग द्वारा नो ड्यूज पेपर नहीं देने की बात कहने के कारण पैसे का भुगतान नहीं कर रहे हैं।

बैठक में संचालकों ने इस घोटाले में संलिप्त सीएससी मैनेजर्स तथा सीएससी के आला अधिकारियों की संलिप्तता की गहन जांच करने की मांग की।


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