पापा.. 50 फीसद अंक से कम वालों के लिए दुनिया नहीं
हजारीबाग : अपनों की अपेक्षा और पढ़ाई के दबाव में बचपन बिखर सा गया है। आए दिन पढ़ाई के
हजारीबाग : अपनों की अपेक्षा और पढ़ाई के दबाव में बचपन बिखर सा गया है। आए दिन पढ़ाई के बोझ से संघर्ष करते बच्चों का दुनिया को अलविदा कहने की खबरें आती रहती हैं। ऐसी ही एक और दर्दनाक खबर हजारीबाग कोर्रा थाने के साकेतपुरी से आई है। वहां के एक नामी स्कूल की 13 वर्षीय आठवीं की छात्रा को शुक्रवार को रिजल्ट मिलना था.. अंको के तिलिस्म से डरी-सहमी बच्ची सुबह उठी, फ्रेश होने के बाद घर वालों ने पूछा की स्कूल कब जाना है तो कहा कि आठ बजे। फिर कहा मैं नहा कर कपड़े पहन कर आती हूं और अपने कमरे में गई तो फिर कभी नहीं निकली। वह एक कागज के टुकड़े में अंग्रेजी में लिखी कि मम्मी-पापा आइ एम सॉरी..50 फीसद से कम अंक वालों के लिए यह दुनिया नहीं है। इसके बाद वह दुपट्टे से फांसी लगा कमरे में झूल गई। जब बच्ची कमरे से नहीं निकली तो माता-पिता आवाज देने लगे अनहोनी की आशंका से उन्होंने पुलिस को सूचना दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने घर का दरवाजा तोड़कर शव को नीचे उतारा। पुलिस ने पिता सुधीर प्रसाद के बयान पर इस बाबत कोर्रा थाना में यूडी केस दर्ज कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। छात्रा के पिता सुधीर प्रसाद कटकमसांडी प्रखंड के कंडसार स्थित बैंक ऑफ इंडिया में प्रबंधक है। छात्रा के कमरे से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ। इसी नोट में उसने अपनी बड़ी बहन को बेहतर भविष्य की शुभकामना भी दी है। मृतका के पिता के अनुसार वह पढ़ाई में थोड़ी कमजोर थी। थाना प्रभारी कोर्रा रमाशंकर मिश्रा ने मौके पर पहुंच कर घटनास्थल की एसएफल जांच की।