वाहन चालक नशे में है या नही, जांचने के लिए मशीन ही नही
अरविद राणा हजारीबाग जिले में होने वाली हर दूसरी या तीसरी दुर्घटना की वजह शराब होत
अरविद राणा, हजारीबाग : जिले में होने वाली हर दूसरी या तीसरी दुर्घटना की वजह शराब होती है। शराब के नशे में धुत चालकों की लापरवाही की वजह से कई लोग जान भी गंवा चुके हैं। परंतु आश्चर्य यह है कि शराब के नशे में चालक है या नहीं यह जांचने के लिए परिवहन विभाग से लेकर पुलिस थानों में मशीन तक नहीं है। जहां है वहां भी यह मशीन लंबे समय से खराब है या फिर इसे चलाने के लिए किसी को प्रशिक्षण नहीं दिया गया । परिवहन विभाग में भी कुछ इसी तरह का मामला है, यहां मशीन तो है पर वह खराब है। यह बड़ा सवाल है कि जिस कारण जिले में सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाएं होती है, उसके रोकथाम और जांच को लेकर परिवहन विभाग सक्रिय तक नहीं है। इसका खामियाजा आम लोग सड़क पर भुगत रहे है और परिवहन विभाग से लेकर पुलिस तक यह बताने में सक्षम नहीं है कि चालक नशे में था या नहीं ।
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सड़क सुरक्षा के लिए कार्यरत है तीन सदस्य, लाखों का खर्च
जिले में सड़क दुर्घटना को रोकने और दुर्घटनाओं के कारण जानने के लिए परिवहन विभाग ने बकायदा पूरे राज्य में सड़क सुरक्षा की टीम बना रही है। संविदा पर हजारीबाग में भी तीन कर्मी है। इनके वेतन आदि कार्य पर लाखों रुपए प्रतिमाह खर्च हो रहा है परंतु वाहन चलाने वाले चालकों के नशा की जांच के लिए एक मशीन तक विभाग बना नहीं पा रही है।
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ढाई साल पूर्व चला था शहरी क्षेत्र में नशा जांच अभियान
हजारीबाग में एनएच 33 सहित अन्य स्थानों पर वाहन चालक शराब के नशे में है या नहीं यह जानने के लिए ढाई साल पूर्व यातायात विभाग द्वारा परिवहन के साथ संयुक्त रूप से अभियान चलाया था। इसके बाद से आज तक किसी ने इस दिशा में पहल नही की। रख रखाव के अभाव में ब्रेथ एनालाइजर मशीन भी खराब हो गई। जिले में मशीन खराब हो जाने के बाद से फिर कभी नशा जांच अभियान नहीं चला।
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शराब पीकर वाहन चलाने पर 10 हजार का है जुर्माना
शराब पीकर वाहन चलाने पर परिवहन नियमों के मुताबिक 10 हजार रुपये जुर्माना का प्रावधान है। लेकिन हकीकत यह है कि एक साल के दौरान किसी भी चालक पर जुर्माना नही लगाया गया है। 30 हजार है आती है नई मशीन
नशा जांच की सबसे अधिक आधुनिक मशीन का दाम 30 हजार रुपये है। वहीं सामान्य मशीनें पांच हजार रुपये में भी उपलब्ध है। लेकिन, इसके बावजूद मशीन को ठीक नही कराया गया।
------------------- मशीन खराब होने की जानकारी मुझे मिली है, संज्ञान में आने पर परिवहन विभाग ने खराब मशीन को मरम्मत कराने के लिए भेजा है। अगर मशीन नहीं बनती है तो नई मशीन की खरीद की जाएगी-
विजय कुमार, परिवहन पदाधिकारी, हजारीबाग