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पारा शिक्षक: पंचायत प्रतिनिधियों का समर्थन, नहीं होगी विद्यालयों में कोई बहाली

केरेडारी : प्रखंड के तकरीबन सभी पंचायतों के जन प्रतिनिधियों ने पारा शिक्षकों के द्वारा

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Nov 2018 06:24 PM (IST)Updated: Tue, 20 Nov 2018 06:24 PM (IST)
पारा शिक्षक: पंचायत प्रतिनिधियों का समर्थन, नहीं होगी विद्यालयों में कोई बहाली
पारा शिक्षक: पंचायत प्रतिनिधियों का समर्थन, नहीं होगी विद्यालयों में कोई बहाली

केरेडारी : प्रखंड के तकरीबन सभी पंचायतों के जन प्रतिनिधियों ने पारा शिक्षकों के द्वारा स्थायीकरण व अन्य राज्यों के तर्ज पर मानदेय लागू करने को लेकर किए गए अनिश्चितकालीन हड़ताल का समर्थन किया है। मंगलवार को पारा शिक्षकों के द्वारा आयोजित बैठक में पंचायत जन प्रतिनिधियों का जत्था देखने

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को मिला। इस मौके पर सभी जन प्रतिनिधियों ने कहा की पारा शिक्षकों के जगह कोई भी व्यक्ति की बहाली नहीं होने दिया जाएगा। पारा शिक्षकों के मांगों पर सरकार को सहानुभूतिपूर्वक विचार करना चाहिए। शिक्षकों के साथ बर्बरतापूर्वक पिटाई और उन्हें मुख्यमंत्री द्वारा गुंडा कहना उचित नहीं है। वहीं प्रमुख नीतु कुमारी ने कहा कि पारा शिक्षकों ने हीं राज्य में शिक्षा के स्तर को बढ़ाया है। जब इनकी बहाली हुई थी तब प्रखंड का शैक्षणिक स्तर 44 प्रतिशत था, जिसको इन्होंने बढ़ाकर 74 प्रतिशत किया है। अब इनके जगह पर किसी

और की बहाली बर्दाश्त नहीं की जाएगी। वहीं उपप्रमुख रामस्वरूप ओझा

ने कहा कि पंचायत के प्रतिनिधि पारा शिक्षकों के समर्थन में तन मन धन से

साथ हैं। विद्यालयों में किसी और नियुक्ति नहीं होने देंगे। जबकि कांग्रेस के प्रखंड अध्यक्ष र¨वद्र गुप्ता, प्रतिनिधि सुरेश साव, चंदन गुप्ता, जिप सदस्य प्रतिनिधि कुणाल दुबे, जेएमएम के संजीव बेदिया समेत कई मुखियागणों ने कहा कि

पारा शिक्षकों के मांगों पर राज्य व केंद्र सरकार सहानुभूतिपूर्वक विचार कर समाधान ढूंढना चाहिए। विदित हो कि प्रखंड के कुल 313 पारा शिक्षक रघुवर दास के निर्देश पर 280 शिक्षकों को होटवार जेल में भेज देने के बाद अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। इसे लेकर पांचवे दिन भी हड़ताल

जारी रही। लगातार बैठकें पर रणनीति बनाई जा रही है। इसके तहत

हीं मंगलवार को प्रखंड के जन प्रतिनिधियों के साथ बैठक रखी गई थी। इसमें भारी संख्या में जन प्रतिनिधियों का समर्थन मिला और हड़ताल में साथ देने की

बात कही। बहरहाल परिणाम जो भी लेकिन फिलहाल राज्य सरकार के कड़ा

रूख और पारा शिक्षकों का अपने हड़ताल पर अडिग रहना उक्त समस्या कोविकराल रूप दे रहा है। मौके पर प्रखंड के सैकड़ों पारा शिक्षक व शिक्षिकाएं उपस्थित थी।


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