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रमजान ने अखिलेश बन मनीषा से की शादी, बनाया शबनम, तीन तलाक दे घर से निकाला

जागरण संवाददाता चरही (हजारीबाग) चरही थाना में रविवार को लव जिहाद का एक सनसनीखेज मामल

By JagranEdited By: Published: Sun, 16 Jun 2019 08:28 PM (IST)Updated: Sun, 16 Jun 2019 08:28 PM (IST)
रमजान ने अखिलेश बन मनीषा से की शादी, बनाया शबनम, तीन तलाक दे घर से निकाला
रमजान ने अखिलेश बन मनीषा से की शादी, बनाया शबनम, तीन तलाक दे घर से निकाला

जागरण संवाददाता, चरही (हजारीबाग) : चरही थाना में रविवार को लव जिहाद का एक सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है, जहां एक मुस्लिम युवक ने अपनी पहचान छिपाकर हिदू युवती से शादी की। उसके बाद धर्म परिवर्तन कराया और अब पांच साल बाद तलाक दे दो बच्चों समेत घर से बाहर निकाल दिया। दर-दर की ठोकरें खा रही महिला उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ की मनीषा यादव है। पांच साल पहले वह ट्रक ड्राइवर चरही के पिपरा निवासी रमजान अंसारी उर्फ अखिलेश यादव के चक्कर में फंस कर प्रेम विवाह एक मंदिर में कर ली। पांच साल पूर्व ट्रक डाइवर से उसकी पहचान आजमगढ़ में हुई जब आरोपी युवक वहां ट्रक में कोयला लेकर जाता था।

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पुलिस से मौखिक शिकायत में मनीषा यादव ने कहा कि मुझ नहीं पता था कि अखिलेश यादव बना रमजान अंसारी मुस्लिम है और वह पूर्व से शादीशुदा है। मनीषा ने बताया कि मुझे आजमगढ़ से लाने के बाद मुझे चरही न ले जाकर रांची के पास इरबा में रखा गया। यहां लाने के बाद उसने मुझे अपने मुस्लिम होने की बात बताई और पुन: मुस्लिम रीति रिवाज से निकाह कराया गया। मेरा नाम मनीषा से बदलकर शबनम कर दिया गया। निकाह में रमजान अंसारी के मौसा-मौसी शामिल थे। मैं विवश होकर मुस्लिम धर्म अपनाकर रह रही थी। यहां पर उसने भाड़े पर कमरा लिया था। इस बीच एक बेटी का जन्म हुआ जो अभी तीन वर्ष की है। दूसरा बच्चा जब पेट में था तो मेरे साथ मारपीट व बदसलूकी शुरू कर दी गई और तरह-तरह का प्रताड़ना दिया जाने लगा। जो मेरे लिए असहनीय था। विरोध करने पर तीन तलाक देकर घर से निकाल दिया गया। अभी मैं रांची के ईरबा के रिजवान लॉज में रहकर पास के एक फैक्ट्री में काम करती हूं। किसी प्रकार दोनों बच्चों को पाल रही हूं। पुलिस पूरे मामले पर रमजान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे।

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पुलिस ने बस से भेजा, आरोपी ने कराई पिटाई

मनीषा यादव ने बताया कि जब पति का कोई पता नहीं चल रहा था तो मजबूरन चरही पुलिस का सहारा लिया। मेरे पास रांची जाने का भाड़ा नहीं था। पुलिस ने भाड़े देकर बस से भेजा। जिस बस से जा रही थी उस बस को मेरे पति द्वारा भेजे गुंडे एक चार पहिया वाहन से रोककर मुझे बुरी तरह मारपीट की। पुन: मैं चरही पुलिस से न्याय की गुहार लगा रही हूं। कोट

महिला ने सारी कहानी बताई लेकिन वह कोई लिखित शिकायत करने को तैयार नहीं है, वह अपने पूर्व पति से अब भी सहानुभूति रखती है। वह रमजान से प्रति माह तीन हजार रुपये गुजारा भत्ता व कमेटी का चालीस हजार मांग रही है जिसे देने को वह तैयार है। इस कारण मुकदमा दर्ज नहीं किया जा रहा।

चरही थानेदार, दिनेश्वर प्रसाद

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मामला गंभीर है कल मैं व्यक्तिगत रूप से मामले की छानबीन करने चरही जाउंगा। पीड़ित महिला से बातचीत कर उसे न्याय दिलाया जाएगा।

एसडीपीओ विष्णुगढ़, शाहदेव साव

==================== उठते सवाल 1. लिखित शिकायत नहीं होने के बावजूद पुलिस धोखाधड़ी कर विवाह करने पर कार्रवाई क्यों नहीं कर रही?

2. जब महिला ने कहा कि पति के भेजे गुंडों ने बस रोक मारपीट की तो इसपर कार्रवाई क्यों नहीं हुई?

3. जो व्यक्ति धर्म तक छिपाकर शादी कर ले उसके गुजारा भत्ता व महिला से लिए पैसे वापस करने के मौखिक सहमति पर पुलिस ने कैसे विश्वास कर लिया?

4. लगातार धोखाधड़ी, मारपीट, तीन तलाक व गुंडे भेजकर पिटाई जैसे मामलों की अनदेखी कर क्या पुलिस महिला के साथ किसी अनहोनी का इंतजार कर रही है?

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