जर्जर हो गया है पोस्टमार्टम भवन
बाटम मेडिकल कालेज अस्पताल प्रबंधन नहीं दे रहा है ध्यान होती है परेशानी संवाद सहयोगी हजार
बाटम
मेडिकल कालेज अस्पताल प्रबंधन नहीं दे रहा है ध्यान, होती है परेशानी
संवाद सहयोगी, हजारीबाग : शेख भिखारी मेडिकल कालेज अस्पताल का पोस्टमार्टम हाउस मरम्मती के अभाव में धीरे-धीरे खंडहर में तब्दील हो रहा है। हालांकि, अस्पताल के पास विभिन्न मद में करोड़ों का वार्षिक फंड हैं। वहीं करीब 29 करोड़ की लागत से मेडिकल कॉलेज अस्पताल के पुराने भवनों का जीर्णोद्धार के साथ ही कई नए भवनों का निर्माण भी कराया जा रहा है। लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने कभी पोस्टमार्टम हाउस की मरम्मती कराना आवश्यक नहीं समझा। यही कारण है कि पोस्टमार्टम हाउस की स्थिति दयनीय हो चुकी है। पोस्टमार्टम हाउस का संचालन दो कमरों में किया जा रहा है। जिसमें एक कमरे का उपयोग पोस्टमार्टम करने के लिए किया जाता है, जबकि दूसरे कमरे का उपयोग शवों को सुरक्षित रखने के लिए र्माचरी के तौर पर किया जाता है। वर्तमान में पोस्टमार्टम हाउस की दीवारों से लेकर छत का प्लास्टर उखड चुका है। रंग-रोगन कब से खराब हो चुके हैं। वहीं छत के खराब होने के कारण बारिश का पानी भी टपकता है। जबकि दरवाजे और खिडकी आदि की बात करें तो उसके पल्ले आदि कब से गिर चुके हैं। वहीं पूरे पोस्टमार्टम हाउस खासकर मार्चरी में गंदगी का अंबार लगा है। साथ साफ-सफाई के अभाव में बदबू आती है। बतातें चलें कि वर्तमान में पोस्टमार्टम हाउस में औसतन एक से दो शवों का पोस्टमार्टम प्रतिदिन किया जाता है। वहीं किसी विशेष परिस्थिति में इससे अधिक पोस्टमार्टम भी होते हैं और कई शवों को सुरक्षित रखने की आवश्यकता भी पडती है। यहां भी यह गौरतलब है कि अब से करीब दो वर्ष पूर्व तत्कालीन सिविल सर्जन डा. कृष्ण कुमार द्वारा करीब पांच लाख की राशि खर्च कर पोस्टमार्टम हाउस की मरम्मती कराने की बात कही गई थी।
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पोस्टमार्टम हाउस की दयनीय स्थिति से उपायुक्त को अवगत कराया गया है। जल्द ही पोस्टमार्टम हाउस की मरम्मत कराई जाएगी।
डा. विनोद कुमार, अधीक्षक, शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल, हजारीबाग।