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ओपीडी में नहीं रहते हैं चिकित्सक, लौट जाते हैं मरीज

बाटम हाल शेख भिखारी मेडिकल कालेज अस्पताल का निजी पै्रक्टिस में रहते हैं व्यस्त रमण कुमार

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Jan 2022 09:13 PM (IST)Updated: Wed, 19 Jan 2022 09:13 PM (IST)
ओपीडी में नहीं रहते हैं चिकित्सक, लौट जाते हैं मरीज
ओपीडी में नहीं रहते हैं चिकित्सक, लौट जाते हैं मरीज

बाटम

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हाल शेख भिखारी मेडिकल कालेज अस्पताल का, निजी पै्रक्टिस में रहते हैं व्यस्त

रमण कुमार,

हजारीबाग : सरकारी महकमे के लिए एक कहावत काफी प्रचलित है 11 बजे लेट नहीं और 2 बजे के बाद भेंट नहीं। यही हाल वर्तमान में शेख भिखारी मेडिकल कालेज अस्पताल का भी है। अस्पताल में डाक्टर न तो समय पर अपनी ड्यूटी पर आते हैं और न ही डयूटी समाप्त होने तक अस्पताल में रहते हैं। डाक्टर सिर्फ नाम के लिए थोड़ी देर के लिए अस्पताल में काम करते हैं और फिर से अपने निजी क्लिनिक में प्रैक्टिस करने के लिए निकल जाते हैं। ओपडी में मरीजों के नहीं आने से मरीजों को परेशानी होती है। मरीज इंतजार कर लौट जाते हैं।

अस्पताल में ओपीडी ड्यूटी सुबह 9 बजे प्रारंभ होकर दोपहर 3 बजे तक की होती है। लेकिन शायद ही कोई डाक्टर अपनी पूरी ड्यूटी निभाता है। सुबह 9 बजे अस्पताल पहुंचने पर आपको अधिकांश डाक्टर चैंबर खाली मिल जाएंगे। 9.30 - 10 बजे बाद डाक्टर चैंबर में आते हैं, दो-तीन घंटे ओपीडी करने के बाद बिना मरीजों की चिता किए बगैर अपनी प्राइवेट प्रैक्टिस के लिए निजी क्लिनिकों का रुख कर लेते हैं। दोपहर के 2 बजे के बाद अस्पताल के लगभग सारे डाक्टर चैंबर खाली हो जाते हैं, जबकि डयूटी 3 बजे तक की होती है। इस कारण कई दफा मरीजों को बिना अपना इलाज कराए निराश होकर वापस हो जाना पड़ता है। लेकिन मरीजों की इस स्थिति की सुध लेनेवाला कोई नहीं है। सूत्रों की माने तो अस्पताल के अधीक्षक- उपाधीक्षक शायद ही कभी अस्पताल के विभिन्न विभागों- वार्डों का राउंड करते हैं। ऐसे में डाक्टर से लेकर कर्मियों के लिए चांदी रहती है। बताते चलें कि राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अभियान निदेशक के पत्र के अनुसार अस्पताल में कार्यरत सभी डाक्टरों एवं कर्मियों के लिए बायोमेट्रिक हाजिरी बनाना अनिवार्य किया गया है। वहीं बायोमेट्रिक डेटा के आधार पर ही डाक्टरों व कर्मियों के वेतन आदि का भुगतान किया जाना है। लेकिन अभियान निदेशक के इस आदेश का सही ढंग से अनुपालन नहीं किए जाने के कारण ही डाक्टरर्स अपनी डयूटी से गायब रहते हैं। खासकर विभागाध्यक्ष व सीनियर डाक्टर शायद ही कभी अस्पताल में ढंग से डयूटी करते हों। कई डाक्टरों के बारे कहा जाता है कि वे सप्ताह के एक दिन के लिए ही हजारीबाग आते हैं और बाकी के छह दिन रांची-धनबाद में निजी प्रैक्टिस में व्यस्त रहते हैं। हालांकि अस्पताल की घटनाओं पर नजर रखने के लिए पूरे अस्पताल परिसर में सीसीटीवी कैमरा लगाए गए हैं, लेकिन अस्पताल प्रबंधन डाक्टरों की कारगुजारियों को देखने के लिए शायद ही कभी सीसीटीवी फुटेज खंगालने का कार्य किया हो।

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डाक्टरों को पूरे समय ओपीडी डयूटी करने का सख्त निर्देश दिया गया है। अब से निश्चित समयांतराल पर ओपीडी डयूटी की औचक निरीक्षण किया जाएगा।

- डा विनोद कुमार, अधीक्षक, शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल, हजारीबाग।


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