पब्लिक सेक्टर बचाओ, एलआइसी को मजबूत करो दिवस मना
फोटो - 3 एलआइसी के आइपीओ लाने के कदम का किया गया जोरदार विरोध केंद्र सरकार की विनिवे
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एलआइसी के आइपीओ लाने के कदम का किया गया जोरदार विरोध
केंद्र सरकार की विनिवेश नीति है गलत, इसका होगा विरोध
जासं, हजारीबाग : संयुक्त मंच के आह्वान पर बुधवार को पब्लिक सेक्टर बचाओ, एलआइसी को मजबूत करो दिवस मनाया गया। कर्मियों ने सरकार के आइपीओ लाने का फैसले का विरोध किया।
इस अवसर पर पत्रकार वार्ता भी की गई। मंच के अध्यक्ष महेंद्र किशोर प्रसाद, महामंत्री जगदीश चंद मित्तल, नएफआइएफडब्लूआइ के मंडलीय अध्यक्ष संजय कुमार तथा क्लास-एक फेडरेशन के महामंत्री आलोक वर्मा मौजूद थे। इन नेताओं ने कहा कि एलआइसी के राष्ट्रीयकरण के प्रथम चरण का शुभारंभ आज ही के दिन वर्ष 1956 को भारत सरकार ने जीवन बीमा अध्यादेश लागू कर उस समय के 154 स्वदेशी बीमाकर्ताओं, 16 विदेशी बीमा कंपनियों एवं 75 भविष्य निधि समितियों के प्रबंधन को अपने अधीन ले लिया था। फलत: पहली सितंबर 1956 को एलआइसी आफ इंडिया का गठन किया गया। इसके बाद जनता की उम्मीदों और सरकार के उद्देश्यों पर खरा उतरते हुए एलआइसी ने विगत साढ़े छह दशकों में न केवल शानदार वृद्धि दर्ज की बल्कि आमजनों के बचत को देश के विकास एवं निर्माण संबंधी क्रियाकलापों में लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वर्ष 1956 में मात्र 5 करोड़ की कार्यपूंजी से अपना व्यवसाय आरंभ करने वाली राष्ट्रकृत निगम के पास आज 38,04,610 करोड़ की परिसंपातियां है। 40 करोड़ बीमाधारकों के साथ विश्व की सबसे बड़ी कंपनी बन चुकी है। इनमे 30 करोड़ व्यक्तिगत पालिसियां और 12 करोड़ समूह बीमा की पालिसी है। कहा कि इतना सब कुछ होने के बाद भी यह दुर्भाग्यपूर्ण कि भारत सरकार निगम को विनिवेशित करते हुए एलआइसी एक्ट में आलोकतांत्रिक तरीके से बदलाव लाकर एलआइसी का आइपीओ देश के शेयर बाजार के माध्यम से लाने का प्रयास कर रही है। यह फैसला घातक है। इसे बचाने की जरूरत है। जनता भी इस काम में सहयोग करे।