बौद्ध सर्किट से जुडेगा बहोरनपुर, मिलेगी नई दिशा
बाटम खोदाई में मिले हैं कई प्राचीन बौद्ध अंवशेष यहां का धार्मिक महत्व था संवाद सहयोगी हजा
बाटम
खोदाई में मिले हैं कई प्राचीन बौद्ध अंवशेष, यहां का धार्मिक महत्व था
संवाद सहयोगी, हजारीबाग : अबतक हजारीबाग की प्रसिद्धि जंगल, जय प्रकाश नारायण, रविद्रनाथ टैगोर, फणीश्वरनाथ रेणू , तालाब और झीलों से थी। परंतु 2021 में खोदाई के बाद बहुतायत संख्या में पाए गए भगवान बुद्ध सहित कई अन्य बौद्ध देवताओं की प्रतिमा ने हजारीबाग को बौद्व सर्किट से जोड़ दिया है। हजारीबाग के बहोरनपुर में जनवरी 30 को मिली छह फिट उंची और तीन फिट चौड़ी बौद्व देवता अवलोक्तिेश्वर की प्रतिमा ने इसे विशेष बना दिया। यह पहला मौका है जब इतनी बड़ी प्रतिमा खोदाई में सुरक्षित मिली।
। प्रतिमा फाइन सेंड स्टोन से बनी हुई है । एएसआई के टीम लीडर डॉ राजेंद्र देहुरी के अनुसार अवलोकितेश्वर की एक मूर्ति पहले भी मिली है। बौद्ध धर्म की महायान शाखा में अवलोकितेश्वर का वर्णन मिलता है। अवलोकितेश्वर सबसे लोकप्रिय बोधिसत्वों में से एक आराध्य देव हैं। बौद्ध ग्रंथों में इन्हे अनंत करुणा से भरा बताया गया है। इनकी पूजा दुनिया भर में होती है।
मिल चुकी है बुद्ध की कई प्रतिमाएं
कोविड संक्रमण के दूसरे काल में आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की टीम पुरातात्विक स्थल की खुदाई अप्रैल माह में बंद कर दी थी। तब से आजतक यहां खोदाई बंद है। विभाग द्वारा यहां तीन चिन्हित टीलों में से दो की खुदाई हीं कर सकी है। खुदाई में बौद्ध धर्मावलंबियों (वज्रयान) के साधना स्थल के संरचनात्मक अवशेष मिले हैं। उक्त स्थल की खुदाई 2019- 20 में दिसंबर के अंतिम सप्ताह में शुरू किया गया था। 40 दिन के बाद खुदाई बंद कर दी गई थी। पुन: 2021- 22 में 31 जनवरी से खुदाई चल रही है। 31 जनवरी 2021 से शुरू हुई खुदाई में निकली बुद्ध, तारा, अवलोकितेश्वर सहित अन्य मूर्तियां अपने मूल स्थान में ही है।
चोरी हो गयी थी दो बेशकीमती प्रतिमाएं, रांची में मिली थीं
बहोरनपुर से 19 मार्च की रात दो प्रतिमाएं चोरी हो गयी थी। हालांकि पुलिस ने तत्परता से छह तस्करों को गिरफ्तार करते हुए रांची से इसे बरामद कर लिया था। बहोरनपुर प्रसिद्ध जुलजुल पहाड़ी के पूर्वी भाग तलहटी में बसा है। करीब सात किलोमीटर में यह पहाड़ी फैला है। पर्यटन की असीम संभावनाएं यहां है।