आवास नहीं, किसान भवन बना सहारा
लीड टूटे घर में झोपड़ी बनाकर रहने को मजबूर है सुरेश राणा अपना घर नहीं प्रमोद वि
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टूटे घर में झोपड़ी बनाकर रहने को मजबूर है सुरेश राणा, अपना घर नहीं
प्रमोद विश्वकर्मा
बरही (हजारीबाग) : बरही के सुदूरवर्ती डपोक गांव के हजारी पांडे व सुरेश राणा बेघर हैं। इन दोनों परिवार का घर 2 वर्ष पूर्व बारिश के दौरान गिर गया था। दोनों दिहाड़ी मजदूर हैं। आवास के लिए स्थानीय मुखिया दुखन पासवान से लेकर प्रखंड मुख्यालय तक गुहार लगा कर थक चुके हैं। कितु अब तक आवास योजना का लाभ इन्हें नहीं मिला। हजारी पांडे का कच्चा मकान दो वर्ष पूर्व पूरी तरह ध्वस्त हो चुका है। इसके कारण वे अपने परिवार के साथ गांव में स्थित एक सरकारी किसान भवन में शरण लेने को मजबूर हैं। किसान भवन में उनके साथ 14 वर्षीय पुत्र और 18 वर्षीय पुत्री भी रहती है। दिहाड़ी मजदूर हजारी पांडे कई परेशानियों के बीच अपने इस परिवार के साथ किसान भवन में रहने को मजबूर हैं। ग्रामीणों के रहमोकरम पर किसी प्रकार किसान भवन में रहने को मजबूर हजारी पांडे ने बताया कि वे दिहाड़ी मजदूरी का कार्य करते हैं। उनका घर पूरी तरह से गिर चुका है, घर का एक कमरा भी नहीं बचा जिसमें वे रह सके, मजबूरी-वश वे किसान भवन में परिवार के साथ किसान भवन में रहने को मजबूर हैं। उनका दर्द यहीं समाप्त नहीं होता। हजारी पांडे के बच्चों ने अपने दर्द को बयां किया तो उनकी आंखें दर्द से छलक पड़ी। बच्चों ने बताया कि उनका एक भाई था उसका आकस्मिक निधन पिछले वर्ष हो गया और इसी वर्ष उनके माथे से उनकी मां का भी साया उठ गया। घर ध्वस्त हो चुका है, वे लोग किसान भवन में रहने को मजबूर हैं। डपोक गांव के युवा समाजसेवी उपेंद्र पांडे ने जानकारी देते हुए बताया कि हजारी पांडे आर्थिक तंगी के साथ-साथ कई तरह की परेशानियों से जूझ रहे हैं। किसान भवन में किसी तरह रहने के बावजूद इस गरीब का सुध लेने वाला अब तक कोई नहीं है। वे भी कई बार संबंधित जनप्रतिनिधियों और पदाधिकारियों को अवगत करायें कितु लाभ नहीं मिला।
क्या कहते हैं पदाधिकारी और जनप्रतिनिधि लोग : बरही बीडीओ सह सीओ अरविद देवाशीष टोप्पो ने बताया कि यह मामला उनके संज्ञान में अब तक नहीं आया है। अगर ऐसे मजबूर लोग हैं और आवास योजना का पात्रता रखते हैं तो उन्हें प्राथमिकता के साथ प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया जाएगा। मामले की जांच करवाते हुए इन्हें लाभ दी जाएगी। वहीं मुखिया दुखन पासवान ने कहा कि उनकी कोशिश है कि दोनों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिले। योजना की सूची में इन्हें शामिल किया गया है।