श्री श्री साधु सीताराम बाबा की 135 वीं जयंती आज
कटकमसांडी प्रखंड के बरगड्डा स्मृति मंदिर आनंद भवन आश्रम में शुक्रवार को परम पूज्य ग
कटकमसांडी : प्रखंड के बरगड्डा स्मृति मंदिर आनंद भवन आश्रम में शुक्रवार को परम पूज्य गुरुदेव श्री श्री साधु सीताराम बाबा की 135 वीं जयंती मनाई जाएगी। आनंद भवन आश्रम के साधारण सचिव स्वामी महिमा नंद सरस्वती ने कहा कि प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी 22 नवम्बर को गुरुदेव साधु सीताराम बाबा की जयंती मनाई जाएगी। जयंती महोत्सव में भाग लेने बाहर से सैकड़ों श्रद्धालु बरगड्डा स्थित आश्रम पहुंचेंगे। प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी स्थानीय पंचायत बरगड्डा के अलावा पूरे कटकमसांडी प्रखंड के विभिन्न गांवों, हजारीबाग शहर, सरिया, बगोदर, रांची, आसनसोल, बर्दवान, बीरभूम, हुगली, श्रीराम पूर, कोलकाता, छत्तीसगढ़, दिल्ली, उत्तर प्रदेश आदि जगहों से भक्त पहुंच कर बाबा की जयंती मे हिस्सा लेंगे।आज प्रात: काल श्रीमूर्ति स्नानाभिषेक, राजवेष, विशेष पूजा, 135 प्रदीप प्रज्वलन, हवन के पश्चात महाप्रसाद वितरण व भंडारा का आयोजन किया जाएगा। ज्ञात हो कि साधु सीताराम बाबा का जन्म 22 नवंबर 1885 को प्रखंड के पुण्य भूमि बरगड्डा में साधारण ग्वाला परिवार में हुआ था। मां का नाम नंदा देवी व पिता का नाम मनी महतो था। जन्म के कुछ दिन बाद ही चेचक रोग से उनके दोनों आंखों की ज्योति चली गई। तीन वर्ष की आयु में सर से माता पिता का साया उठ गया। आंखों से दिखाई नहीं के कारण कुछ दिन फुआ के यहां उनका पालन पोषण हुआ। बाद में हजारीबाग शहर स्थित अधिवक्ता गिरीन गुप्ता व पगमिल हाउस में रहना हुआ। वहीं बालक सितुआ का पालन पोषण होने लगा। बाल्यकाल से ही मां के भजन में लीन रहते थे। किशोरावस्था में ही पगमिल हाउस में दशनाम सम्प्रदाय स्वामी पूर्नानंद सरस्वती से दीक्षा प्राप्त की। दीक्षा प्राप्ति के पश्चात् उनके जीवन शैली में अछ्वुत परिवर्तन आया। मां की खोज में भजन करते हुए जलमा शिव मंदिर, मंडई कर्बला तो कभी खिरगांव श्मशान घाट में दिन रात भजन में लीन रहने लगे। हुगली जिला के तारकेश्वर मंदिर में साक्षात शिव से दूसरी बार दीक्षा लेने के बाद पूरे हिदुस्तान के तीर्थों का भ्रमण किए। अंत में हजारीबाग रोड स्टेशन के समीप 1930 में आनंद भवन आश्रम की स्थापना कर कली कृष्ण की मंदिर सैकड़ों भक्तों के मदद से बनवाए। उसके बाद 22 अप्रैल 1932 को सरिया स्थित आनंद भवन आश्रम में समाधिस्थ हुए। शिष्यों द्वारा सरिया में भव्य मंदिर का निर्माण किया गया। 1996 मे बरगड्डा स्थित भव्य स्मृति मंदिर का निर्माण भक्तों द्वारा करवाया गया। तब से लेकर अब तक प्रति वर्ष 22 नवम्बर को विशेष पूजा अर्चना कर भंडारा का आयोजन किया जाता है।