इलाज का नहीं था अनुभव, सीनियर से पूछ कर लिखते थे दवा
बच्चों का चिकित्सा का अनुभव नहीं था
इलाज का नहीं था अनुभव, सीनियर से पूछ कर लिखते थे दवा
बोकारो और खूंटी में निजी प्रैक्टिशनर के रूप में देते थे सेवा
संवाद सहयोगी, हजारीबाग : सदर थाना पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए फर्जी चिकित्सक राम बाबू प्रसाद उर्फ रामबाबू रजक शेख भिखारी मेडिकल कालेज में नियुक्त तो हो गए थे। परंतु उन्हें बच्चों का इलाज करने का अनुभव नहीं था। यही कारण था कि वे बच्चों की जांच के बाद फोन पर किसी सीनियर चिकित्सक से बात कर फिर इसके बाद पर्ची पर दवा लिखते थे। इस बात को नोटिस अस्पताल प्रबंधन ने भी किया था और आम लोगों ने भी इसकी शिकायत की थी। पूछताछ में रामबाबू रजक ने बताया कि नियुक्ति से पूर्व वे खूंटी और बोकारो में निजी प्रैक्टिशनर के रूप में कार्य करते थे।
आइएमए ने फर्जी होने का जारी कर दिया प्रमाण पत्र, बावजूद असली होने का करते रहे दावा :
गिरफ्तार राम बाबू रजक फर्जी है, यह जांच कर आइएमए ने रिपोर्ट दी है। इसी के आधार पर अधीक्षक ने प्राथमिकी भी दर्ज कराई। परंतु मंगलवार को जब वे गिरफ्तार हुए तो उस वक्त भी वह अपने आप को असली होने का दावा करते रहे। दावा में वह साजिश का शिकार होने की बात कहते रहे। कहा कि मैं हीं असली हूं, बावजूद इसके मुझे फंसाया जा रहा है। आश्चर्य की बात है कि गिरफ्तार आरोपित रामबाबू रजक के चेहरे पर कोई शिकन नहीं था।
सक्रिय रहती है सदर थाना की पुलिस
सदर थाने पुलिस ने पिछले एक साल में 26 से अधिक मोटरसाइकिल चोर, 37 मोबाइल चोर सहित कई चोरों को पकड़ा है। परंतु सबसे तेज कार्रवाई ठगी के मामले में की है। चार माह पूर्व शिवपुरी में हीं ऋषभ शर्मा के नाम से निवास कर रहे पेलावल निवासी मो. शहजाद को प्राथमिकी के आधे घंटे में गिरफ्तार कर लिया था। वहीं डा. रामबाबू को एक घंटे के अंदर उठा ले आई।