सफाई का रखा ध्यान, संसाधनों का है अभाव
हजारीबाग : शहर के बीचो बीच अनाथ व आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए सरकार द्वारा उन्हें
हजारीबाग : शहर के बीचो बीच अनाथ व आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए सरकार द्वारा उन्हें समर्थ बनाने के लक्ष्य के साथ समर्थ आवासीय विद्यालय की स्थापना की गई । लेकिन बीतते समय के साथ सरकार की उदासीनता के कारण विद्यालय में संसाधनों का अभाव है। साफ-सफाई का ध्यान रखा तो गया है लेकिन सीढि़यां पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है।
वहीं लगभग सौ बच्चों की संख्यावाले इस स्कूल में प्राचार्य सहित मात्र तीन शिक्षक हैं। शहर के बीच में स्थित होने के बावजूद अब तक किसी पदाधिकारी की नजर इस पर नहीं पड़ी है। इसका नतीजा समर्थ आवासीय विद्यालय की असमर्थता में तब्दील हो जाना है।
समर्थ आवासीय आवासीय विद्यालय के बच्चों के लिए बने खेल के मैदान में लोहे का स्क्रैप किसी के द्वारा जमा किया गया है। इस कारण बच्चों को सही ढंग से खेलने के लिए मैदान उपलब्ध नहीं हो पाता है। वहीं विद्यालय में बच्चों के रहने के लिए ऊपरी तल्ले पर कमरों का निर्माण किया गया है। लेकिन ऊपरी तल्ले पर जाने के लिए सीढ़ी की स्थिति काफी जर्जर है। इस कारण कई बार बच्चे घायल भी हो चुके हैं।
समर्थ आवासीय विद्यालय के बच्चों की सुरक्षा को लेकर एक सुरक्षा गार्ड व नाइट गार्ड की डयूटी लगाई थी। लेकिन गार्ड स्थानीयता का लाभ उठाकर अपनी डयूटी से अक्सर गायब रहता है। सूत्र बताते हैं कि वह रात को डयूटी नहीं करता है।