मानव सेवा के लिए प्रभु यीशु ने दिया बलिदान
हजारीबाग प्रभु ईसा मसीह के बलिदान दिवस के अवसर पर शुक्रवार को कैथोलिक आश्रम स्थित मह
हजारीबाग: प्रभु ईसा मसीह के बलिदान दिवस के अवसर पर शुक्रवार को कैथोलिक आश्रम स्थित महा गिरिजाघर के प्रांगण में क्रूस यात्रा की जीवंत गाथा प्रस्तुत की गई। गुड फ्राइडे के अवसर पर प्रभु के दुखभोग का स्मरण करते हुए प्रार्थना की गई। मसीही समुदाय के सदस्य हजारों की संख्या में मैदान में उपस्थित होकर नम आंखों से प्रार्थना करते हुए प्रभु के संदेशों का आत्मसात करने का संकल्प लिया। फादर सुप्रिपिन सुरीन, अब्राहम और सुशील लकड़ा की अगुवाई में क्रूस रास्ता की सांकेतिक औपचारिकता पूरी की गई। कुल 14 स्थानों ं पर क्रूस मार्ग दर्शाया गया था। प्रभु के द्वारा क्रूस लेकर कुल 14 स्थानों पर रूकना, गिरना, पुन: खडा होकर मंजिल तक पहुंचने का ²श्य काफी मार्मिक लग रहा था। पूरा समुदाय शांत चित्र होकर प्रभु के बलिदान को देखते हुए बिल्कुल मौन हो गया था। फादर मनोज तिर्की ने दुख भोग का पाठ पढ़ाया। प्रभु येशु की भूमिका का वहन विशप आनंद जोजो ने निभायी। फादर दयाकिशोर पिलातुस की भूमिका में देखे गए।
विशप आनंद जोजो ने संदेश देते हुए कहा कि प्रभु का बलिदान कभी भुलाया नहीं जा सकता। प्रभु के बलिदानों में प्रेम, सेवा, परोपकार, आनंद और शांति का संदेश निहित है। प्रभु के शरण में ही तमाम पापों से मुक्ति मिल सकती है।
युवा संघ, एफसी दीपनगर, मरियम होली, पुलिस लाईन कोर्रा वीटीआई सरना टोली, सेक्रेट हर्ट, सीएमसी हरनगंज समेत तमाम क्षेत्रों के लोग क्रूस यात्रा को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। सिस्टर नीलम, नीलम, शांति एवं उषा की उपस्थिति से क्रूस यात्रा में शामिल भीड़ को निदेशित किया गया। कलवारी पहाड़ी की जीवंत गाथा का प्रदर्शन पूरे दिन घंटे तक चलने के बाद कार्यक्रम की समाप्ति हुई। उक्त जानकारी अनूप राजेश लकड़ा ने दी।