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सात गांवों में हुआ यज्ञ, वेद पुराणों की बताई महता

विष्णुगढ़ : प्रखंड के विभिन्न छह गांवों में सात महायज्ञ का आयोजन किया। अलपीटो पंचायत के गुंडरो,

By JagranEdited By: Published: Mon, 07 May 2018 09:29 PM (IST)Updated: Mon, 07 May 2018 09:29 PM (IST)
सात गांवों में हुआ यज्ञ, वेद पुराणों की बताई महता
सात गांवों में हुआ यज्ञ, वेद पुराणों की बताई महता

विष्णुगढ़ : प्रखंड के विभिन्न छह गांवों में सात महायज्ञ का आयोजन किया। अलपीटो पंचायत के गुंडरो, नवादा, नावाटांड, खरकी, भेलवारा एवं खरकी के सियाडीह में अलग अलग तिथियों पर आयोजित महायज्ञ का समापन श्रद्धापूर्वक किया गया। श्रद्धालुओं की श्रद्धा देखते बनती थी। करगालो में यज्ञ संपादन कराने अयोध्या से आये यज्ञाचार्य डा. मुकेश शर्मा(शास्त्री) ने वेदों और पुराणों के महत्व को विस्तार से बताते हुए कहा कि इन धर्मग्रथों में हर विषयों की जानकारी समाहित है। इसी लिए सभी धर्मो का मूल वेद का माना गया है। राजस्थान के अलवर के रहने वाले डा. मुकेश शास्त्री ने वेद पर किये शोध के बूते चंडीगढ विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधि हासिल कर चुके हैं। इसके अलावा धार्मिक प्रवचन करने आये धर्मग्रथों के मर्मज्ञ वृदांवनधाम के सत्यदेव शास्त्री ने बताया के सबसे पहले ऋग्वेद की रचना की गई थी। यह प्राचीन वेद है। इसके बाद द्वापर के तृतीय चरण में व्यासजी ने तीन और वेद यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद की रचना की। वेदों में ब्रह्म, देवता, ब्रह्मांड, विज्ञान, ज्योतिष, गणित, रसायन, औषधि, प्रकृति, भूगोल, खगोल, धार्मिक, नियम, इतिहास, रीतिरिवाज आदि लगभग सभी विषयों की ज्ञान भरी पडी है।इतनी ज्ञान दूसरी किसी जगह उपलब्ध नहीं है।लिहाजा सभी धर्मो का मूल वेद को कहा गया है।उन्होंने कहा कि भविष्य द्रष्टा व्यास जी ने कलयुग में धर्म की ज्ञान प्राप्त करने में मानव समाज के सुविधा के लिए 18 पुराण ब्रह्म पुराण, पद्य पुराण, विष्णु पुराण, शिव पुराण, भागवत पुराण, नारद पुराण, मार्कण्डेय पुराण, अग्नि पुराण, भविष्य पुराण, ब्रह्म वैवर्त पुराण, ¨लग पुराण, बराह पुराण, स्कंद पुराण, वामन पुराण, कुर्मा पुराण, मत्स्य पुराण, गरूड पुराण, ब्रह्म्रांड पुराण की रचना की। जिससे मानव समाज को हर जरूरी की जानकारी असानी से मिलती रहे। भारत यूं ही विश्व गुरू नहीं हुआ करता था। वेदों समेत सनातन धर्म के ग्रंथों में हर जरूरी की जानकारी उपलब्ध है। इसके जाने बिना कोई ज्ञानी कैसे हो सकता है? सुख समृद्धि के लिए ज्ञानी होना होगा।जिसकी जानकारी वेदों और पुराणों से मिलेगी। करगालों के रूज्ञ आयोजन में शामिल विश्वेश्वर शर्मा, मोतीलाल महतो, सहदेव दास लीलो महतो, दिलीप कुमार महतो, हिरामन साव, , नारायण राणा, बालेश्वर शर्मा, रामचंद्र यादव, विजय यादव, कैलाश यादव,दिनेश महतो,, मोतीलाल यादव, मोतीलाल महतो, चमरू महतो दिनेश्वर साव, देवेंद्र महतो, सुंदर साव, केवल साव, सहदेव दास, आदि कहते है यज्ञ के दौरान किये गये धार्मिक प्रवचन के जरिये वेद पुराणों में उपलब्ध जानकारी से तो अवगत कराया गया ही। घर परिवार की समृद्धि के लिए इसके मुखिया एवं सदस्यो के क‌र्त्तव्यों एवं दायित्वों को भी विस्तार से बताया गया।

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