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ई-नाम पर घर बैठे मिला बाजार, 50 किसानों ने बेची 60 लाख की सब्जियां

जागरण संवाददाता हजारीबाग लाकडाउन का दौरान किसानों को बाजार उपलब्ध कराने के मकसद स

By JagranEdited By: Published: Fri, 27 Nov 2020 07:12 PM (IST)Updated: Fri, 27 Nov 2020 07:12 PM (IST)
ई-नाम पर घर बैठे मिला बाजार, 50 किसानों ने बेची 60 लाख की सब्जियां
ई-नाम पर घर बैठे मिला बाजार, 50 किसानों ने बेची 60 लाख की सब्जियां

जागरण संवाददाता हजारीबाग : लाकडाउन का दौरान किसानों को बाजार उपलब्ध कराने के मकसद से कृषि मंत्रालय की ओर से शुरू की गई ई-नाम पोर्टल सेवा बेहद कारगर साबित हो रही है। हजारीबाग के किसान इससे अच्छा लाभ उठा रहे हैं। धान के बाद इस पोर्टल पर सब्जियों की बिक्री में यहां के किसान राज्य में सबसे आगे हैं। सिर्फ 50 किसानों ने घर बैठे अपने खेतों से 60 लाख की सब्जियां बेच दी है। इसमें सबसे अधिक टमाटर का कारोबार हुआ है। 34 लाख रुपये के करीब 1200 क्विंटल टमाटर बेचे गए हैं। इचाक के राजेश महतो ने सबसे अधिक करीब पांच लाख रुपये के टमाटर ई-नाम पोर्टल के माध्यम से बेचा है। टमाटर के बाद किसानों के आलू भी इसी पोर्टल के माध्यम से बिहार से लेकर नेपाल तक पहुंच गए हैं। दूसरे राज्यों के व्यापारी इस पोर्टल से जुड़ कर सीधे किसानों के खेतों से ही आलू की खरीद की है। वही राज्य के दूसरे सभी जिले ने मिलकर भी इसका आधा भी कारोबार नही किया है। इचाक के किसान अशोक मेहता ने बेचे छह लाख के आलू

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इचाक में आलू की खेती करने वाले किसान अशोक मेहता ने बताया कि इस बार दो एकड़ में खेती की थी। पैदावार भी अच्छा हुआ। ई-नाम के माध्यम से मेरे खेतों से ही बिहार व बंगाल के व्यापारी ले गए। नेपाल में सफेद आलू की डिमांड है, जिसे भी मैंने ई-नाम के माध्यम से बेचा है। बिना मंडी गए मैंने छह लाख रुपये के आलू बेच दिए। पैसे के लिए भी नही दौड़ना पड़ा। डिजिटल भुगतान के तरह पैसे खाते में पहुंच गए। किसान अशोक मेहता को हजारीबाग कृषि बाजार समिति का ब्रांड एंबेसडर भी बनाया है।

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बाजार समिति किसानों को कर रहा है जागरूक

कृषि मंत्रालय की इकाई लघु किसान कृषि व्यापार मंडल (एसएफएसी) ने ई-नाम की इसकी शुरुआत की थी। इससे देशभर की 585 और झारखंड की 19 बाजार समितियां जुड़ी हैं। हजारीबाग कृषि बाजार समिति इससे जुड़ने के लिए किसानों को जागरूक कर रहा है। मोबाइल में ई-नाम पोर्टल को डाउनलोड कर किसान इसमें अपनी जानकारी भर अपना निबंधन करा सकते हैं। इसके बाद फार्म गेट के विकल्प में जाकर किसान अपने उत्पाद को बेच सकते हैं। किसान और व्यापारी दोनों ही इसमें निबंधित होते हैं। इसकी पूरी सूची बाजार समिति के पास उपलब्ध होती है। अब तक हजारीबाग में 2000 किसान इससे निबंधित हो चुके हैं।

-ई-नाम पोर्टल डिजिटल भुगतान के साथ पारदर्शी व्यापार का आधुनिक माध्यम है। किसान इस पोर्टल के माध्यम से जुड़कर बिचौलियों से आसानी से बच सकते हैं। सीधे व्यापारियों को अपना उत्पाद बेच सकते हैं। हजारीबाग के किसानों ने इसका लाभ उठाना प्रारंभ कर दिया है- राकेश सिंह, सचिव हजारीबाग कृषि बाजार समिति


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