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दवा के छिड़काव से फसल बर्बाद, किसानों को भारी नुकसान

कटकमदाग (हजारीबाग) प्रखंड के बानादाग गांव के तीन किसानों ने करीब पांच एकड़ भूमि में टमाटर की खेती बर्बाद हो गई।

By JagranEdited By: Published: Fri, 30 Oct 2020 09:21 PM (IST)Updated: Fri, 30 Oct 2020 09:21 PM (IST)
दवा के छिड़काव से फसल बर्बाद, किसानों को भारी नुकसान
दवा के छिड़काव से फसल बर्बाद, किसानों को भारी नुकसान

कटकमदाग (हजारीबाग): प्रखंड के बानादाग गांव के तीन किसानों ने करीब पांच एकड़ भूमि में टमाटर की खेती की थी। पौधों में फसल भी लग गए थे। इसी दौरान पौधों में हरियाली व फलों को दुरुस्त रखने को लेकर जब दवा का छिड़काव किया तो तीन दिनों के बाद से पूरी फसल बर्बाद हो गई। टमाटर के पौधे पूरी तरह सूख गए। किसानों ने कर्ज लेकर खेती की थी। किसानों को करीब पांच लाख की क्षति हुई है। किसानों ने इस संबंध में जिला उद्यान पदाधिकारी को आवेदन देकर दवा कंपनी से मुआवजा दिलाने की गुहार लगाई है। बानादाग निवासी किसान दीपक कुमार ने आवेदन में कहा है कि उसने अपने सहयोगी संतोष कुमार व अजीत कुमार कुशवाहा के साथ मिलकर कटकमदाग प्रखंड के डाढ़ा गांव में करीब पांच एकड़ जमीन लीज पर लेकर टमाटर की खेती की थी। पौधों में टमाटर लगना शुरू हो चुका था। इसी दौरान 15 दिन पूर्व बानादाग गांव में संचालित कुशवाहा बीज भंडार से बायर कंपनी की नोटिवो दवा खरीदी थी। फसलों को हरियाली व दुरुस्त रखने के लिए दुकानदार के निर्देशानुसार उचित मात्रा में दवा छिड़काव किया। लेकिन दवा छिड़काव के तीन दिनों बाद सारे पौधे जलने जैसे हो गए। किसानों ने तत्काल इसकी सूचना कुशवाहा बीज भंडार दुकानदार को दी। उन्होंने कंपनी के फील्ड वर्कर से संपर्क कर दवा की शिकायत की। कंपनी के कर्मी सुजीत सिंह गांव आकर बीज भंडार के दुकानदार व अन्य किसान के कुछ टमाटर के फसलों पर परीक्षण को लेकर दवा का छिड़काव किया। फिर भी तीन दिनों के अंदर पौधे सूख गए। किसानों का आरोप है कि दवा में गड़बड़ी के कारण ही टमाटर की फसल बर्बाद हो गई है।

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इस संबंध में कंपनी के फील्ड वर्कर अजीत सिंह ने कहा कि टमाटर लगे जमीन में नमी नहीं रहने के कारण ऐसी स्थिति हो जाती है। ऐसे हमने इस बात की जानकारी कंपनी के वरीय अधिकारियों को दी है।


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