झारखंड बजट से उम्मीदें : बजट में आम अवाम को मिले राहत
संसू बरकट्ठा (हजारीबाग) झारखंड सरकार का वित्तीय वर्ष 2020-21 का बजट पहली बार झारखंड
संसू, बरकट्ठा (हजारीबाग): झारखंड सरकार का वित्तीय वर्ष 2020-21 का बजट पहली बार झारखंड के नवनिर्मित विधानसभा भवन में वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव द्वारा पेश किया जाएगा। कोविड से जूझने बाद सरकार के समक्ष राज्य की वित्तीय स्थिति को पटरी पर लाने की चुनौती है, तो दूसरी ओर राज्य के आम जनता को नए बजट से काफी अपेक्षाएं हैं। इस नए बजट से अपेक्षाओं को लेकर बरकट्ठा प्रखंड के भी आम लोगों ने अपने विचार रखे हैं। उन्हें महंगाई पर रोक, रोजगार, शिक्षा, कृषि, स्वास्थ्य, बिजली आदि क्षेत्रों से कई अपेक्षाएं हैं।
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समाजसेवी सह शिक्षक अनुज कुमार पांडेय ने कहा कि आगामी तीन मार्च को विधानसभा में पेश होनेवाले बजट में जनता पर किसी तरह के नये टैक्स का बोझ नहीं डाला जाय। राज्य की जनता को इस बजट से काफी अपेक्षाएं हैं। शिक्षा के क्षेत्र के लिए अतिरिक्त बजट का प्रावधान हो इस पिछडे़ राज्य झारखंड के लिए बेहतर होगा।
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वरिष्ठ समाजसेवी पंकज कुमार ने कहा कि बजट को गांव-गरीब-किसान और मजदूरों का बजट पेश हो ताकि ये बजट आने वाले समय में लंबी छलांग लगाने वाला साबित हो सके। आम लोगों की आकांक्षा और जरूरतों को पूरा करने वाला बजट हो और आधारभूत संरचना को मजबूत करने के साथ नौकरी के अवसर बढ़ाने वाला बजट बन सके।
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जिला परिषद प्रतिनिधि सह भाजपा नेता केदार साव ने राज्य सरकार से आग्रह करना चाहता हूं कि इस बजट में किसान को अपने फसल को रखने के लिए हर प्रखंड में कोल्ड स्टोरेज बनवाया जाए। इसके अलावा किसानों के हर खेत में पानी, बिजली पहुंचाने का वादा पूरा किया जाए।
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न्यू बेलकप्पी निवासी जागेश्वर नायक ने कहा कि बजट समय, संदर्भ एवं परिवेश के अनुरूप झारखंड के आमजनों कि उच्च आकांक्षाओं, इच्छाओं एवं अपेक्षाओं को पूरा करने वाला एक संतुलित और वास्तविक बजट हो। शिक्षा व्यवस्था, स्वास्थ्य व्यवस्था, कृषि व रोजगार पर बल देने की अति आवश्यकता है।
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बेलकप्पी के शिक्षाविद सीके पांडे ने कहा कि झारखंड सरकार को अपने बजट में शिक्षा व्यवस्था को पूरी तरह पटरी पर लाने की कवायद करनी चाहिए। क्योंकि कोरोना काल में राज्य की शिक्षा व्यवस्था काफी प्रभावित हुई है। इसको ध्यान में रखते हुए बजट लानी चाहिए।