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वन विभाग की बड़ी कार्रवाई, छ: अवैध आरा मशीन, ट्रैक्टर, जेनरेटर, अवैध लकड़ी बरामद

संवाद सूत्र चौपारण(हजारीबाग) सालों से गौतम बुद्ध वन्य प्राणी आश्रयणी में संचालित दर्जन से अधिक अवैध आरा मशीन जब्त किया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 22 Feb 2021 06:20 PM (IST)Updated: Mon, 22 Feb 2021 06:20 PM (IST)
वन विभाग की बड़ी कार्रवाई, छ: अवैध आरा मशीन, ट्रैक्टर, जेनरेटर, अवैध लकड़ी बरामद
वन विभाग की बड़ी कार्रवाई, छ: अवैध आरा मशीन, ट्रैक्टर, जेनरेटर, अवैध लकड़ी बरामद

संवाद सूत्र, चौपारण(हजारीबाग): सालों से गौतम बुद्ध वन्य प्राणी आश्रयणी में संचालित दर्जन से अधिक अवैध आरा मशीन के खिलाफ बड़ी कार्रवाई सोमवार तड़के की गई। सूचना के अनुसार जिला प्रशासन के निर्देश पर संयुक्त कार्रवाई में एसडीओ डा. ताराचंद, डीएफओ अवनिश चौधरी, डीएसपी मनीष कुमार , थाना प्रभारी बिनोद तिर्की, रेंजर आनंद बिहारी सहित बड़ी संख्या में पुलिस व वन कर्मी शामिल थे। बेहद गोपनीय ढंग से हजारीबाग से जेसीबी और अन्य वाहन मंगाकर तड़के सुबह छ:ह के करीब उक्त कार्रवाई की ग्ई। जीटी रोड से लगभग बारह किमी सघन वन क्षेत्र के गरमोरवा में संचालित आधे दर्जन अवैध आरा मशीन, ट्रैक्टर, डीजल इंजन, भारी मात्रा में पटरा ,लकड़ी आदि बरामद कर लाया गया। डीएफओ अविनाश चौधरी ने बताया कि संचालित सभी अवैध कामों में संलिप्त लोगों की पहचान की जा रही है। सभी लकड़ी तस्करों के खिलाफ वन अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाएगा।

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समाचार लिखे जाने तक वन विभाग इस संबंध में कार्रवाई की रूपरेखा बना रहा था। अहले सुबह हुई इस छापेमारी से तस्करी में संलिप्त लोगों को संभलने का मौका भी नहीं मिल सका। इसके पूर्व वन विभाग की हर कार्रवाई तस्करों के मजबूत नेटवर्क के सामने बौना हो जाता था। इस अभियान में वनपाल अनिल रमन, वनरक्षी राजेंद्र दास सहित अन्य शामिल थे

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आश्रयणी में शराब, अफीम, लकड़ी व पत्थरों का हो रहा अवैध उत्खनन : गौतम बुद्ध वन्य प्राणी आश्रयणी की सघनता, बिहार सीमा से जुड़ाव व इन इलाकों के उग्रवाद प्रभावित होने के कारण विभिन्न गोरखधंधों में लिप्त नेटवर्क द्धारा इस प्रक्षेत्र में बडे पैमाने पर नशे की खेती मसलन अफीम की खेती की जा रही है। साथ ही अवैध शराब निर्माण, जंगलों में शराब के लिए गोदाम, लकड़ी व अवैध पत्थरों का उत्खनन , वन क्षेत्र का अतिक्रमण किया जा रहा है। तमाम तथ्यों की जानकारी के बाद भी वन विभाग बड़ी कार्रवाई नहीं कर पा रही थी। हालांकि, चौपारण वन प्रक्षेत्र का मामला एनजीटी में भी गया था। पूर्व विधायक रामलखन सिंह ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल तक सारे मामले को पहुंचाया था।


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