जर्जर सड़कें, यातायात नियमों का उल्लंघन लील रही हे अनमोल जीवन
जागरण संवाददाता गुमला विचित्र भौगोलिक बनावट और जर्जर सड़कें हर रोज किसी न किसी का जी
जागरण संवाददाता, गुमला : विचित्र भौगोलिक बनावट और जर्जर सड़कें हर रोज किसी न किसी का जीवन लील रही है। गुमला जंगली और पठारी इलाका है जहां तीखे मोड़ हैं। सड़कें जर्जर हैं। सड़कों की मरम्मत का काम दिल्ली में बैठे एनएचआइ कराने का काम करती है। वहां से सड़क मरम्मत का कार्यादेश मिलने में विलंब होता है। सड़कों की मरम्मत नहीं हो रही है जिस कारण एनएच पर आए दिन दुर्घटनाएं हो रही है। सड़कों पर बने बड़े-बड़े गड्ढों से चालक का वाहन पर से नियंत्रण हट जाता है। जिस कारण दुर्घटनाएं होती है और लोग जान गंवा देते हैं। सर्दी ने धमक दे दी है। कुहासा कभी भी छा सकती है। कुहासा छाने पर सड़क दुर्घटना में इजाफा हो जाता है।
तीन दिशाओं में है एनएच : जिला मुख्यालय से तीन दिशाओं से एनएच गुजरी है। गुमला से राउरकेला, गुमला से जशपुर और गुमला से रांची की ओर एनएच गई है। गुमला रांची पथ में नागफेनी से भरनो के पलमा डीपा तक सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढे बन गए है। ये गड्ढे खतरनाक हैं और मौत को आमंत्रित करते रहती है। स्थानीय प्रशासन और सामाजिक संगठनों द्वारा सड़क दुर्घटना को टालने के लिए मिट्टी मोरम को भरने का काम किया जाता रहा। लेकिन वर्षा का पानी मिट्टी मोरम को बहाने का काम करते आया है। जिससे गड्ढो का अस्तित्व बना रहता है। सड़क दुर्घटना का प्रमुख कारणों में एक कारण यातायात के नियमों का अनुपालन कराने में सड़क सुरक्षा कोषांग और परिवहन विभाग सिर्फ कागजी खानापूर्ति करता है। सड़क सुरक्षा से संबंधित अधिकारी एक्सीडेंटल स्थल को चिन्हितकरण करने का काम करते जरूर हैं लेकिन बेतरतीब वाहनों की बढ़ती हुई संख्या को देखकर गति नियंत्रण की दिशा में कदम नहीं उठाते हैं। परिवहन विभाग वाहनों के कागजातों की जांच करने, फिटनेश देखने और जुर्माना वसुलने के अलावे और कोई कदम नहीं उठा रहा है। पुलिस भी वाहनों के जांच के अलावे और कोई काम नहीं करती। तभी तो इस जिले में दिल दहलाने वाली दुर्घटनाएं होती रही है। दुर्घटनाओं के लिए दोषपूर्ण सड़कों की बनावट भी कम जिम्मेवार नहीं है। ब्लैक स्पॉट : जिले में पलमा डीपा, भरनो ब्लाक चौक, डोंबा, डाड़हा, नागफेनी, हवाई अड्डा, सीलम ढलान, मिलमिली पुल, गणेशपुर डीपा, पींजरा डीपा, बंगरु पहाड़ मोड़, एनएच पर ब्लैक स्पॉट के रूप में चिह्नित हैं लेकिन इन स्थलों पर सावधानी के बोर्ड नहीं लगे हैं। स्टेट हाइवे पर भी सड़क दुर्घटनाएं होती है। गुमला लोहरदगा स्टेट हाइवे पर डेवीडीह, खरका पुल, चपका, दोंदाग, घाघरा नेतरहाट रोड पर देवाकी मोड़, आदर, बिशुनपुर बनारी चटकपुर और नेतरहाट घाटी के दर्जनों स्थल ब्लैक स्पॉट साबित हुए हैं।
बड़ी दुर्घटनाएं : डेवीडीह के पास इसी साल मोटरसाइकिल में छह लोग सवार होकर जा रहे थे जिनमें चार की मौत हो गई थी। घाघरा नेतरहाट पथ में मुनगा मोड़ पर बाक्साइट ट्रक के खाई में गिरने से पांच लोगों की मौत हो गई थी। सदर अस्पताल से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार जनवरी से लेकर अक्टूबर के अंत तक लगभग 117 सड़क दुर्घटनाएं हुए जिसके घायल अस्पताल में लाए गए। उनमें से अस्पताल में 26 लोगों की मौत हुई है जबकि विभिन्न प्रखंड अस्पतालों और रिम्स रेफर किए गए घायलों में से 62 की मौत हो चुकी है। ढाई सौ से अधिक लोग घायल हुए हैं। पिछले दो साल पहले भरनो और पलमा डीपा के बीच आटो और हाइवा के आमने सामने टक्कर में 13 लोगों की मौत हो गई थी। दो तीन मौत एक दुर्घटना में इस जिले के लिए कोई खास बात नहीं है।
कोट
सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए गुमला में यातायात थाना स्थापित करने का प्रस्ताव राज्य मुख्यालय को भेजा गया है। हम जन जागरूकता के माध्यम से सड़क दुर्घटना को रोकने की कोशिश कर रहे हैं।
हृदीप पी जर्नादनन-
एसपी गुमला।