अदरक और ओल की बुआई के लिए अनुकूल है मौसम
निर्मल सिंहगुमला पूर्वाह्न में धूप अपराह्न में काले बादल शाम में हल्की बारिश और रात में नम
निर्मल सिंह,गुमला : पूर्वाह्न में धूप, अपराह्न में काले बादल, शाम में हल्की बारिश और रात में नमी। यह मौसम पिछले एक मई से है और अभी यह मौसम एक दो दिन और रहेगा। यह कृषि प्रधान क्षेत्र है और यह मौसम अदरक और ओल की खेती के लिए अनुकूल है। जिला कृषि विज्ञान गुमला के मौसम खेती परामर्श केन्द्र ने मौसम पुर्वानुमान का बुलेटिन जारी किया है जिसमें वरीय कृषि वैज्ञानिक एवं प्रधान डा.संजय कुमार ने किसानों को मौसम के अनुकूल कृषि प्रबंधन की जानकारी दी है। उन्होंने अदरक और ओल की खेती के लिए मौसम को अनुकूल बताया है। उन्होंने कहा कि चाहे तो किसान अभी अदरक की बुआई कर सकते हैं। वर्धमान, सुरुचि, सुप्रभा, नदिया अदरक के उन्नत किस्म है। कसान कोई भी एक किस्म की बुआई कर सकते हैं। इसके लिए किसान खेत तैयार करें। कतार में 40 सेंटीमीटर और पौधा से पौधा 10 सेंटीमीटर का फासला बनाकर किसान एक एकड़ में आठ क्विटल बीज की बुआई कर सकते हैं। खेत तैयार करने और बुआई में 80 क्विटल कंपोस्ट, 53 किलोग्राम डीएपी, 70 किलोग्राम यूरिया और 40 किलो ग्राम म्यूरीएट आफ पोटाश का प्रयोग किया जा सकता है। इसी तरह ओल की भी किसान इस मौसम में कर सकते हैं। एक एकड़ जमीन में 56 क्विटल बीज लगेगा। गजेन्द्र, विधान, कुसुम ओल के उन्नत प्रभेद हैं। कतार से कतार और पौधा से पौधा की दूरी 60 सेंटीमीटर पौधा और फसल तैयार होने के लिए अनुकूल होता है। एक एकड़ में बुआई के लिए 80 क्विटल कंपोस्ट, 53 किलोग्राम डीएपी और 54 किलोग्राम म्यूरीएट आफ पोटाश की आवश्यकता पड़ती है।
गरमा धान व मूंग को लाभ, गेंहू को होगा नुकसान
अभी का मौसम गरमा धान व मूंग के लिए लाभकारी है लेकिन गेंहू को नुकसान हो सकता है। जिला कृषि विज्ञान केंद्र के वरीय कृषि वैज्ञानिक सह प्रधान डा.संजय कुमार ने गरमा धान के खेत में जल जमाव बनाए रखने के लिए मेढ़ को दुरस्त रखने और खेत में खर पतवार जमा रखने की अपील किसानों से की है। गरमा मूंग के फसल में निकाइ और गुड़ाई करें ताकि मिट्टी में नमी ज्यादा दिनों तक बनी रहे। मूंग फूलने का समय है। फुल मुरझा कर गिरे नहीं इसका ध्यान देना है। ऐसे मौसम में फूल पर थ्रिप्स किट का आक्रमण हो सकता है। इसके लिए ट्राईजोफोस या प्रोफेंफोश कीटनाशी का छिड़काव एक लीटर पानी में एक मिलीलीटर दवा मिलाकर शाम के समय किया जा सकता है। गेंहू का फसल तैयार है। कटे हुए फसल को सुरक्षित जगह पर रखें और कटाई के लिए मौसम साफ होने का इंतजार करें।