बाघमुंडा के शिलाखंडों पर नहीं लगा साइन बोर्ड
जागरण संवाददाता गुमला हादसों से जिला प्रशासन सबक तो लेना चाहता है लेकिन उनकी कार्य एजेंि
जागरण संवाददाता, गुमला : हादसों से जिला प्रशासन सबक तो लेना चाहता है लेकिन उनकी कार्य एजेंसियां इतनी लापरवाह है कि उपायुक्त के दिए आदेश का भी अनुपालन नहीं करती हैं। 25 अक्टूबर को बसिया प्रखंड के बाघमुंडा और 15 नवंबर को हीरादह में क्रमश: तीन-तीन लोगों के डूबने से मौत हो गई। पर्यटन स्थल पर सुरक्षा के सवाल उठाए गए। सवाल उठने के बाद बसिया प्रखंड प्रशासन थोड़ा सतर्क हुआ और अपने कर्तव्य के पालन की ओर अग्रसर भी। बाघमुंडा के शिलाखंडों पर सावधानी के स्लोगन लिखे गए लेकिन साइन बोर्ड लगाने का काम नहीं हो सका। उपायुक्त शिशिर कुमार सिन्हा ने पर्यटन विकास खेल संस्कृति एवं युवा मामलों की समीक्षा बैठक के दौरान बाघमुंडा में ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल और हीरादह में लघु सिचाई प्रमंडल गुमला को खतरे को इंगित करते हुए आने वाले पर्यटकों को सावधनी बरतते हुए जागरूकता का संदेश देने का साइन बोर्ड लगाने का निर्देश दिया था। इसके बावजूद दोनों कार्य एजेंसियां उपायुक्त के आदेश का अनुपालन नहीं कर सकी। जिला योजना पदाधिकारी अरविद कुमार ने मंगलवार को दोनों कार्य एजेंसियों के कार्यपालक पदाधिकारियों से कार्य प्रगति की जानकारी हासिल की। पता चला कि उपायुक्त के आदेश का अनुपालन नहीं हुआ है। दोनों कार्य एजेंसियों का कहना है कि उन्हें क्या स्लोगन लिखना है यह बात उन्हें नहीं बताया गया है। उन्हें मेटेरियल की आवश्यकता है। मेटेरियल उपलब्ध होने पर आदेश अनुपालन करने का प्रयास करेंगे।
कोट
पर्यटन स्थलों की सुरक्षा सरकार की जिम्मेवारी है। उपायुक्त ने सुरक्षा से संबंधित उपाय करने का आदेश जारी कर दिया है। हमारा काम उसे लागू कराना है। आने वाले सैलानियों को सावधान करना, उनकी जीवन की सुरक्षा के लिए जागरूक करना और सौंदर्य का अवलोकन करने के लिए सुविधा उपलब्ध कराने का काम जरूर किया जाएगा।
अरविद कुमार-जिला योजना पदाधिकारी- गुमला ।