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शक्ति की उपासना में भक्तों ने किया परंपरा का निर्वाह

जागरण टीमगुमला आस्था के ज्वार में सरकार का दुर्गा पूजा के लिए जारी गाइडलाइन धरे के ध

By JagranEdited By: Published: Sat, 17 Oct 2020 10:07 PM (IST)Updated: Sat, 17 Oct 2020 10:07 PM (IST)
शक्ति की उपासना में भक्तों ने किया परंपरा का निर्वाह
शक्ति की उपासना में भक्तों ने किया परंपरा का निर्वाह

जागरण टीम,गुमला : आस्था के ज्वार में सरकार का दुर्गा पूजा के लिए जारी गाइडलाइन धरे के धरे रह गए। कोरोना संक्रमण पर मां के भक्तों की आस्था भारी पड़ी। लोगों ने अपनी आस्था का इजार करते हुए जहां विधि विधान के साथ कलश की स्थापना की वहीं कई जगहों पर बीते वर्षों के भांति सामूहिक कलश यात्रा निकाली गई। वैसे कलश स्थापना के दौरान भक्तों ने शारीरिक दूरी को बनाए रखा। सावधानी भी बरती। जिला स्तरीय एवं थाना स्तरीय शांति समिति की बैठकों में पूजा समिति के सदस्यों ने यह स्पष्ट कर दिया था कि वे अपने परंपरा से पीछे नहीं हटेंगे। मां को भोग लगाएंगे। सावधानी पूर्वक प्रसाद का भी वितरण करेंगे। गुमला के शक्ति मंदिर में आचार्य हरिशंकर मिश्रा के नेतत्व में पूजा प्रभारी विनोद गुप्ता, प्रदीप सोनी, शंकर सोनी आदि ने कलश स्थापित किया। श्री बड़ा दुर्गा मंदिर में आचार्य यमुना पांडेय, हरिशंकर त्रिपाठी के नेतृत्व में रमेश कुमार चीनी, निर्मल गोयल,द्वारिका मिश्रा, ओम प्रकाश, रूपेश भगत आदि ने कलश स्थापित कर पूजा का संकल्प लिया। ज्योति संघ में आचार्य प्रकाश शर्मा ने कलश स्थापित कराए। बंगाली क्लब, आदिशक्ति पूजा समिति रामनगर, भवानी संघ, विश्व भारती संघ, डुमरडीह, खोरा आदि स्थानों के मंदिरों में कलश स्थापन और दुर्गा सप्तशती का पाठ किया गया। इसी तरह मुरकुंडा में भी कलश स्थापन विधि विधान के साथ किया गया। पहले दिन शैलपुत्री की पूजा अर्चना की गई। इस साल सरकारी गाइडलाइन के अनुसार पूजा करने का निर्णय लिया गया। आचार्य गोपाल मिश्र पूजा करा रहे है। यजमान के रूप में राजेश भारती, राजकुमार पुरी, शशिकिरण प्रसाद आदि शामिल है। पालकोट में मां दशभुजी के मंदिर में विधि विधान के साथ कलश स्थापन किया गया। बघिमा में मां के भक्तों ने गाजे बाजे के साथ कलश यात्रा निकाली। पिजराडीपा नदी से 251 कन्याओं ने कलश में जल भरा और बघिमा दुर्गा मंदिर में कलश स्थापित किया गया। पालकोट के काली मंदिर में भी कलश स्थापन किया गया। कलश यात्रा का नेतृत्व अशोक साहु, संजय साहु, आशीष कुमार साहु, समीर साहु, बालमुंकुंद साहु, रूपनारायण साहु, आनंद बड़ाईक, बुधराम साहु, सुबोध साहु, उदय साहु, सत्यजीत साहु, बाले साहु आदि कर रहे थे। बसिया के सिधमा स्थित सैयदा शिव मंदिर में कलश स्थापन किया गया। माता के प्रथम स्वरूप की पूजा की गई। बिशुनपुर के रेहलदाग में कलश यात्रा निकाली गई और पूजा स्थल वर महादेव मंदिर में कलश स्थापित की गई। कलश यात्रा का नेतृत्व कल्याण बाबा कर रहे थे। बिशुनपुर बनारी जोरी बनालात में भी कलश स्थापन के साथ नवरात्र आरंभ हुआ। घाघरा प्रखंड के ईटकिरी कुटिया गांव में शनिवार को कलश यात्रा निकाली गई। देवाकी डैम से निकली कलश यात्रा का नेतृत्व कुलदीप बाबा ने किया। रायडीह के नवागढ़ पतराटोली, शंख मोड़, मांझाटोली, कोंडरा, बागबोथा, टुडुरमा में कलश स्थापन कर नवरात्र आरंभ किया गया। भरनो में पांच स्थानों पर ध्वजारोहण किया गया। कलश स्थापन कर मां की प्रथम रूप शैलपुत्री की पुजा की गई। शक्ति क्लब ब्लाक चौक में आचार्य गौतम मिश्रा, स्कूल चौक में आचार्य सुदर्शन मिश्रा, हरिजन मुहल्ला में नीलकंठ मिश्रा, कस्तूरबा आश्रम के राम जानकी मंदिर में आचार्य ऋषिकेश मिश्रा विधि विधान के साथ पूजा करा रहे हैं। चैनपुर कामडारा सिसई जारी और डुमरी में भी कलश स्थापन कर नवरात्र आरंभ किया गया।

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