बाक्साइट माइंस बंद होने से रोजी-रोटी के पड़े लाले
संवाद सूत्र बिशुनपुर (गुमला) बिशुनपुर प्रखंड के गुरदरी थाना क्षेत्र अंतर्गत कुजाम बाक्साइड माइं
संवाद सूत्र, बिशुनपुर (गुमला): बिशुनपुर प्रखंड के गुरदरी थाना क्षेत्र अंतर्गत कुजाम बाक्साइड माइंस में भाकपा माओवादी के द्वारा बीते शुक्रवार की रात वाहनों में आग लगाए जाने की घटना के बाद बाक्साइट माइंस बंद है। बाक्साइट ढुलाई का कार्य पूरी तरह बंद कर दिया गया है। पांच दिनों से बंद खनन से हजारों लोग प्रभावित हुए है। माइनर, मजदूर, चालक, उपचालक, ट्रक ओनर सहित होटल, ठेला खोमचा, टायर दुकान, गैरेज, पार्ट्स दुकान, पेट्रोल पंप कर्मी आदि प्रभावित हुए हैं। सभी के सामने रोजी-रोटी की बड़ी समस्या सामने आ गई है। बाक्साइट उत्खनन के कार्य से अप्रत्यक्ष रुप से भी कई लोगों का रोजी रोटी चलता था। अब उनके सामने रोजी-रोटी की समस्या आ गई है।
क्या कहते लोग
इस संबंध में बाक्साइड ट्रक के आनर आशीष साहू, बच्चन कुमार चौरसिया, अनीश सिंह एवं प्रदीप भगत ने बताया कि एक वर्ष पूर्व मुरी प्लांट में घटना होने से लगभग 10 महीने तक बाक्साइड माइंस बंद रहा। जिस कारण सभी आनर का गाड़ी खड़ा था। प्रतिमाह एक ट्रक में टैक्स, फिटनेस, इंश्योरेंस सहित अन्य दस्तावेज पर 7000 रुपए का खर्च होता है। यह खर्च गाड़ी चले या न चले ट्रक आनर को करना ही पड़ता है। इस घटना से निकलने के बाद जैसे ही स्थिति सामान्य हो रही थी कि पुन: नक्सलियों के द्वारा माइंस को बंद कर दिया गया। जिससे ट्रक आनर के ऊपर बहुत बड़ा बोझ पड़ गया है। उन्होंने कहा कि कई लोगों ने लोन में वाहन लिया है। जिसका चुकता हर माह किस्त देकर करना पड़ता है। लेकिन ट्रक के नहीं चलने से लोग परेशान हैं। ट्रक चालक बबलू खान, बुटन, मनु एवं मजदूर राजकुमार भगत ने बताया कि ट्रक चलाकर ही उनका पूरा परिवार का भरण पोषण होता है। बाक्साइट बदं होने पर ट्रक का पहिया भी थम जाता है। इसके बाद वे पूरी तरह बेरोजगार हो जाते हैं। रोजी-रोटी के लाले पड़ जाते हैं। वर्तमान में हालात अच्छे नहीं है। हिडालकों को भी भारी नुकसान हैं इसलिए वह बाक्साइट माइंस चालू करने के मूड में भी नहीं है।