गोरिल्ला छापामार दस्ता के साथ जंगल में नक्सली
अरुण गिरी बिशुनपुर गुमला भाकपा माओवादियों द्वारा शुक्रवार की रात बिशुनपुर के कुजाम ब
अरुण गिरी, बिशुनपुर, गुमला: भाकपा माओवादियों द्वारा शुक्रवार की रात बिशुनपुर के कुजाम बाक्साइट में उत्पात मचाने के बाद पुलिस और सीआरपीएफ द्वारा लगातार अभियान चलाया जा रहा है। नक्सली अब भी बिशुनपुर के जंगल में गोरिल्ला दस्ता के साथ अड्डा जमाए हुए है। अमूमन किसी घटना को अंजाम देने के बाद नक्सली अपना शेल्टर बदल लेते हैं और अपना बचाव में घटना स्थल से दूर जा निकलते हैं। लेकिन बिशुनपुर में घटना को अंजाम देने के बाद भी बिशुनपुर के जंगल में नक्सलियों का जमावड़ा पुन: किसी बड़े घटना को अंजाम देने की तैयारी से इंकार नहीं किया जा सकता है।
नक्सलियों के जंगल में ठहराव को लेकर बीती शनिवार की रात जिला पुलिस और सीआरपीएफ द्वारा अभियान चलाया गया। ऐसी सूचना भी हैं कि सुरक्षा बल और नक्सली एक दूसरे के काफी निकट भी पहुंच गए थे। लेकिन रात होने के कारण और नक्सलियों द्वारा जंगल में जगह-जगह लैंडमाइंस बिछाए जाने के कारण सुरक्षा बलों द्वारा फूंक फूंककर कदम उठाया जा रहा है। नक्सलियों को घेरने के लिए चैनपुर थाना क्षेत्र से सुरक्षा बलों को जंगल में प्रवेश कराया गया था। पुलिस लगातार नक्सली गतिविधियों पर नजर रखे हुए हैं।
गुमला में दो बड़ी घटना को दिया है अंजाम
भाकपा माओवादी इन दिनों गुमला जिला में दो बड़ी घटनाओं को अंजाम देकर गुमला पुलिस को खुली चुनौती दे डाली है। नक्सली पहली घटना कुरुमगढ़ थाना के नवनिर्मित भवन को उड़ा कर जबकि दूसरी घटना गुरदरी थाना क्षेत्र के कुजाम बाक्साइड माइंस में झारखंड की सबसे बड़ी आगजनी घटना को अंजाम देकर 27 वाहनों को आग के हवाले कर अपनी न केवल अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है बल्कि पुलिस को खुली चुनौती भी दे डाली है।
नक्सली गतिविधि रखी जा रही है नजर
थाना प्रभारी सदानंद सिंह शनिवार को दिनभर बनारी एवं चटकपुर से ही नक्सलियों की हरेक गतिविधि का जायजा लेते रहे। शाम होते-होते नक्सली नेतरहाट घाटी से नीचे पहुंचने लगे जिसकी सूचना पर पुलिस ने नक्सलियों को घेरने में जुट गई। भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती नेतरहाट घाटी के चारों ओर से कर दिया गया कुछ पुलिस बल कुजाम की ओर से बढ़े जबकि कुछ चैनपुर की ओर से। वहीं बिशुनपुर पुलिस, सीआरपीएफ, बनारी पिकेट, जोरी पिकेट एवं चोरका खांड पिकेट से भी पुलिस बल को नेतरहाट घाटी की ओर रवाना किया गया। ऐसा माना जा रहा था कि पुलिस एवं माओवादी शनिवार की रात बहुत आमने-सामने हैं ,कभी भी भीषण गोलीबारी हो सकती है। परंतु जैसे ही नक्सलियों को इस बात की भनक लगी कि पुलिस उन्हें चारों ओर से घेरने का प्रयास कर रही है। वैसे ही नक्सली रात के अंधेरे में जंगल का लाभ उठाते हुए पुलिस को चकमा देकर निकलते बने। हालांकि पुलिस अभी भी नेतरहाट घाटी के आसपास ही जमी हुई है, और पुलिस का मानना है कि नक्सली कहीं नहीं भाग पाए हैं।