नशा व अंधविश्वास में मर रही मानवता, रिश्ते का भी कद्र नहीं
गुरदीप राज गुमला जिले में नशे की लत और अंधविश्वास में रिश्ते का कद्र किए बिना हत्याएं हो
गुरदीप राज, गुमला : जिले में नशे की लत और अंधविश्वास में रिश्ते का कद्र किए बिना हत्याएं हो रही है। रिश्तों के कत्ल से जिला थर्राने लगा है। चार माह में आधा दर्जन से ज्यादा कत्ल रिश्तों का हुआ है। कहीं पिता ने पुत्र की हत्या की तो कहीं पुत्र ने पिता व मां की हत्या कर दी।
इतना ही नहीं ससुर ने साजिश रच कर अपनी बहू की ही हत्या करा दी। जिले में रिश्तों से ऊपर रुपये व जमीन जायदाद हो चुका है। रिश्तों का कोई मोल नहीं रह गया है। मां ने अपने कोख में जिस बच्चे के नौ माह रखा। उसे पालने में दिन-रात मां-बाप ने एक कर दिया। वहीं बच्चा चंद रुपए के खातिर अपनी मां-बाप की हत्या करने में तनिक भी संकोच नहीं कर रहा है। जिले में बढ़ रहा नशा का कारोबार बहुत हद तक रिश्तों का कत्ल का जिम्मेदार माना जा रहा है। जिले में बिक रहे ब्राउन सूगर व शराब के साथ हत्यारों ने अपना अटूट नाता जोड़ लिया है। जिसके आगे खून के बने रिश्ते भी फीके नजर आने लगे हैं। इतना ही नहीं अंधविश्वास के नाम पर हत्याएं किसी से छिपी नहीं है। राज्य सरकार ने अंधविश्वास के खिलाफ प्रचार-प्रसार समेत तमाम कदम उठाएं हैं इसके बावजूद रिश्तों का कत्ल नहीं थम रहा है।
केस एक : रायडीह के सिलम गायनोटोली निवासी सुकरा खड़िया ने अपने बेटे भीखा खड़िया की हत्या टांगी से काटकर 16 अक्टूबर को कर दी थी। नशा में धुत होकर पुत्र अक्सर पिता की पिटाई कर रुपये की मांग करता था, जिससे तंग आकर पिता ने कर दी थी हत्या।
केस दो : जिले के गिडरा निवासी बहुरा उरांव की हत्या उसके ही पुत्र महादेव उरांव ने कुदाल से काटकर 17 अगस्त को कर दी थी। जमीन बिक्री से मिले रुपयों के बंटवारे को लेकर उत्पन्न विवाद में पिता की हत्या पुत्र ने की थी।
केस तीन : बिशुनपुर के होलेंग गांव के विनोद बृजिया ने गांजा के नशे में अपने पिता सुखराम बृजिया व मां सियारों देवी की टांगी से काटकर हत्या 9 अक्टूबर को कर दी थी। विनोद बृजिया जंगल से लकड़ी काट कर लाया था जिसे पिता ने बेच दिया।
केस चार : सदर थाना के लूटों गांव में डायन बिसाही का आरोप लगा कर बंधन उरांव, उसकी पत्नी सोमारी देवी व बहू बासमुनी की हत्या उसके ही भतीजे बिपता उरांव ने कुल्हाड़ी से काटकर 25 सितंबर को कर दी थी।
केस पांच : विधवा भाभी सोमवारी देवी अपने देवर पर शादी का दबाव बना रही थी, जिससे परेशान होकर देवर ने अपने भाभी की टांगी से काटकर 25 अक्टूबर को हत्या कर दी थी।
केस छह : घाघरा के हापामुनी साधु टोंगरी निवासी सुनीता देवी जमीन व फसल में हिस्सेदारी का दावा करती थी। ससुर शीरु उरांव ने उसकी हत्या की साजिश रची और देवर चरकू उरांव व भतीजा जगु उरांव ने मिलकर 12 नवंबर को टांगी से काटकर सुनीता की हत्या कर दी।
----
कोट
अंधविश्वास, नशापान व जमीन-जायदाद का लोभ के कारण ही रिश्तों का कत्ल हो रहा है। रिश्ते से ऊपर रुपया व जायदाद को ये कातिल समझने लगे हैं। नशा का सेवन करने वाले अपने व पराये में अंतर तक नहीं कर पाते हैं और रिश्तों का कत्ल कर देते हैं।
- प्रो भूषण महतो, सेवानिवृत्त मनोविज्ञान विभाग, केओ कालेज गुमला।