कपिल ने खेती कर गरीबी से पाई मुक्ति, पाया सम्मान
जागरण संवाददातागुमला 30 वर्षीय युवक कपिल उरांव पालकोट प्रखंड के बागेसेरा गांव का रहने वाला है। उसकी बचपन गरीबी में गुजरी। बचपन में उसके पिता तंगहाल थे। गरीबी के कारण कपिल पढ़ लिख नहीं सका। वह अपने पिता कदसू उरांव के साथ पंद्रह वर्ष की आयु से ही खेती बारी के काम में जुट गया था जब उसके पिता बीमार पड़ गए तब पूरे परिवार को भूखे रहना।
जागरण संवाददाता, गुमला : पालकोट प्रखंड के बागेसेरा गांव का रहने वाला कपिल उरांव (30) की बचपन गरीबी में गुजरी। जिसके कारण कपिल पढ़ लिख नहीं सका। वह अपने पिता कदसू उरांव के साथ पंद्रह वर्ष की आयु से ही खेती बारी के काम में जुट गया था जब उसके पिता बीमार पड़ गए तब पूरे परिवार को भूखे रहना पड़ता था। विषम परिस्थिति में कपिल ने खेती कर अपने हालात बदलने का संकल्प लिया। वह स्कूल जाने के बजाय खेत में हल चलाने लगा। सब्जी लगाकर बाजार में बेचने का काम करने लगा। सब्जी बेचकर होने वाली आय से अपने परिवार का भरण पोषण भी करने लगा। पंद्रह साल से वह सब्जी की फसल लगाने का काम करता आ रहा है। उसके खेत में बंधा गोभी, फुल गोभी, आलू, टमाटर, बोदी, गाजर आदि लगे हुए हैं। अब कपिल सब्जी की खेती में निपुण हो चुका है। अब कपिल के परिवार को भूखे सोने की नौबत नहीं है। उसने एक मोटरसाइकिल खरीद रखा है। जिस पर सब्जी लादकर बाजार ले जाकर बेचने का काम करता है। वह अपने दो बेटों को रोज स्कूल भेजता है। खुद अशिक्षित होने के बावजूद अपने बेटे को शिक्षित कर बड़ा आदमी बनाना चाहता है। सब्जी की खेती कर वह ऐसे युवकों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बना हुआ है जो आज गरीबी और बेरोजगारी का रोना रो रहे हैं। एक सफल किसान के रुप में उभरने पर कृषक बंधु संस्था के सचिव प्रभात कुमार अपने सहयोगी अभिमन्यू प्रसाद के साथ शुक्रवार को उसके फसल लगी खेत पर पहुंचे , शॉल ओढ़ाकर कपिल उरांव को सम्मानित किया।