एसएच में उम्मीद के अनुरूप मरीजों को नहीं मिल रही है सुविधा
गुमला सदर अस्पताल में उम्मीद के अनुरूप सुविधा की बहाली नहीं होने से रोगी या उनके परिजनों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। रोगियों को सबसे बड़ी समस्या अल्ट्रासाउंड की हो रही है।
संवाद सूत्र,गुमला : गुमला सदर अस्पताल में रोगी या उनके परिजनों को उम्मीद के अनुरूप सुविधा की बहाली नहीं होने से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। रोगियों को सबसे बड़ी समस्या अल्ट्रासाउंड की हो रही है। सदर अस्पताल में रेडियोलोजिस्ट नहीं होने के कारण अल्ट्रासाउंड सुविधा बंद है। रोगियों को अनुदानित दर पर सुविधा प्रदान करने के लिए निजी कंपनी द्वारा अल्ट्रासाउड और इसीजी सेंटर सदर अस्पताल परिसर में ही आरंभ किया है लेकिन व्यवस्थागत खामियों के कारण और चिकित्सक के मनमानी के कारण इस केन्द्र में भी मरीजों को अल्ट्रासाउंड सुविधा नहीं मिल रहा है। बसिया के मोरेंग से आए रोगी के परिजन मनरखन साहु ने कहा कि उनका मरीज प्रसव कक्ष में है। अल्ट्रासाउंड के लिए बाहर ले जाना पड़ा था जहां पैसे देकर अल्ट्रासाउंड कराना पड़ा है। तेलगांव निवासी अरविद उरांव ने बताया कि उसका साथी कृष्णा अस्पताल में भर्ती है। उसका पैर टूट गया है। दवा बाहर के दुकानों से खरीद कर लाया गया है। बुधवार को 12 बजे तक उसका पलास्टर नहीं हुआ था जबकि वह मंगलवार से ही सदर अस्पताल में भर्ती है।
जनऔषधि केंद्र होगा बंद
गुमला सदर अस्पताल में मरीजों को न्यूनतम दर पर दवा उपलब्ध कराने के लिए आरंभ जन औषधीय केंद्र अब बंद होने के कगार में है। इस कारण जन औषधी केंद्र में राज्य सरकार दवा आपूर्ति बंद कर दिया है। अस्पताल उपाधीक्षक डॉ.आरएन यादव ने बताया कि जन औषधी केंद्र अब प्राइवेट कंपनी द्वारा संचालित किए जाने की बात हो रही है। शायद यही कारण है कि जन औषधी केंद्र में दवा की आपूर्ति नहीं हो रही है। 24 घंटे सेवा देने वाला इस केंद्र में अब मात्र शिशु रोग से संबधित दवाएं बच गई है। केन्द्र के संचालक के अनुसार जन औषधी केंद्र का शेष दवा अस्पताल का दवा खाना में हस्तांतरित करना है।
बायोमीट्रिक मशीन है खराब
सिर्फ रोगियों की कौन कहें सदर अस्पताल में कार्यरत चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मियों को भी सुविधा का अभाव है। इसका कारण सदर अस्पताल का बायोमीट्रिक मशीन खराब है। बोयामीट्रिक मशीन के खराब होने के कारण चिकित्सकों एवं चिकित्सा कर्मियों को अपनी उपस्थिति बनाने के लिए कभी सीएस कार्यालय तो कभी प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ता है। प्रधान सहायक सुकरा उरांव ने बताया कि बायोमीट्रिक मशीन कभी काम करता है कभी काम करना बंद कर देता है। उसे ठीक कराने के लिए पत्राचार किया गया है।
जेनरिक दवा नहीं लिखने की डीएस ने की शिकायत
सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ.आर एन यादव ने सीएस के नाम पत्र लिखकर सदर अस्पताल में कार्यरत चिकित्सकों द्वारा मरीजों के बीएचटी में जेनरिक दवा नहीं लिखने की शिकायत की है। उन्होंने कहा है कि सदर अस्पताल में भर्ती आयुष्मान भारत योजना एवं सामान्य रोगियों के लिए जेनरिक दवा लिखने का निर्देश चिकित्सकों को दिया गया है। इसके बावजूद कई चिकित्सकों द्वारा बीएचटी में जेनरिक दवा नहीं लिखा गया है।