Move to Jagran APP

गुड़ाम के ग्रामीणों को सड़क निर्माण की है प्रतीक्षा

कोनबीर से गुड़ाम होते हुए सुकुरूडा तक बनने वाली सड़क के निर्माण कार्य पूरा होने की गांव के लोगों को अब भी प्रतीक्षा करनी पड़ रही है। मार्च 2016 में उग्रवादियों ने संवेदक से लेवी नहीं मिलने के कारण सड़क निर्माण में लगे कुल चार लोगों की दिन दहाड़े हत्या कर दी थी। उसके बाद से सड़क का निर्माण कार्य ठप पड़ा हुआ है। सड़क का।

By JagranEdited By: Published: Tue, 10 Dec 2019 09:19 PM (IST)Updated: Tue, 10 Dec 2019 09:19 PM (IST)
गुड़ाम के ग्रामीणों को सड़क निर्माण की है प्रतीक्षा
गुड़ाम के ग्रामीणों को सड़क निर्माण की है प्रतीक्षा

रमेश कुमार पाण्डेय, गुमला : कोनबीर से गुड़ाम होते हुए सुकुरूडा तक बनने वाली सड़क के निर्माण कार्य पूरा होने की गांव के लोगों को अब भी प्रतीक्षा करनी पड़ रही है। मार्च 2016 में उग्रवादियों ने संवेदक से लेवी नहीं मिलने के कारण सड़क निर्माण में लगे कुल चार लोगों की दिन दहाड़े हत्या कर दी थी। उसके बाद से सड़क का निर्माण कार्य ठप पड़ा हुआ है। सड़क का निर्माण कार्य पूरा कराकर लोगों को आवागमन की बेहतर सुविधा देने की कोशिश न तो जिला के अधिकारी कर रहे हैं और न ही राजनीतिक दल के नेता ही। यह सड़क कोनबीर से बनना आरंभ हुआ था। गुड़ाम दाचूटोली में सड़क का निर्माण कार्य चल रहा था। लोगों को उम्मीद थी कि जंगल के बीच बसे इस गांव के लोगों को सड़क बन जाने से बेहतर सुविधा मिलेगी। लेकिन पीएलएफआइ के उग्रवादियों ने खून की ऐसी होली खेली जिसे भूला पाना ग्रामीणों के लिए संभव नहीं हो पा रहा है। गुड़ाम गांव से सुकुरूडा तक घने जंगल हैं। उसी जंगल से गुजरी सड़क का निर्माण काम चल रहा है। पीएलएफआइ के उग्रवादियों ने इस गांव के भोला प्रसाद साहु के इकलौता पुत्र ललित शंकर प्रसाद साहु, फगुनी साहु के पुत्र रवि शंकर साहु और इसी गांव के अजय टोपनो की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इन लोगों का दोष यही था कि वे लोग सड़क निर्माण कार्य में मुंशी और मजदूरी का काम कर रहे थे। एक चौथा व्यक्ति भी मारा गया था जो बिहार का रहने वाला था। उस घटना के बाद से सड़क का निर्माण कार्य बंद करा दिया गया। तब से दुबारा सड़क का निर्माण कार्य आरंभ भी नहीं हुआ। संवेदक काम छोड़कर भाग गया। क्या कहते हैं ग्रामीण

loksabha election banner

गुड़ाम दाचूटोली के रहने वाले यशोमती देवी, जेवियर एक्का, संतोष कुमार साहु, रेखा देवी, तिजनी देवी, कैलाश साहु, बिनित इंदवार, हफीन्द्र ओहदार ने बताया कि हमने अपने गांव के तीन लाल को गंवाए हैं। उम्मीद थी कि सड़क का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हो सका। सड़क निर्माण का काम पूरा होने की हमें पौने चार साल से प्रतीक्षा करनी पड़ रही है। एक तो जंगली इलाका है। इस जंगली इलाके में सड़क बन जाने से विकास के द्वार खुल जाते। किससे कहें कोई सुनना ही नहीं चाहता। अधिकारी भी इस क्षेत्र का दौरा नहीं करते। लोगों की समस्या को नहीं सुनते। जन प्रतिनिधि भी इस गांव की ओर रूख नहीं करते। नतीजतन अधूरा सड़क निर्माण का काम दुबारा आरंभ नहीं हो सका। वे लोग चाहते हैं कि कम से कम सड़क तो बन जाए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.