Move to Jagran APP

दोस्ती करें तो भगवान कृष्ण और सुदामा जैसी : महंत बलराम

महंत बलराम शरण बापू जी महाराज ने युवाओं से भगवान कृष्ण और सुदामा की तरह दोस्ती करने का आह्वान किया है। मुरकुंडा में चल रहे नौ दिवसीय यज्ञ के दौरान श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि भगवान कृष्ण और सुदामा की मित्रता विश्वास और निस्वार्थ भाव पर आधारित थी। इस कारण उन दोनों की जोड़ी दुनिया में सबसे ज्यादे विख्यात हुई। उन दोनों के दोस्ती में प्रेम का भाव छुपा हुआ था। आज के युवाओं को अपने मित्रों से प्रेम का भाव रखना होगा।

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Feb 2019 09:43 PM (IST)Updated: Mon, 18 Feb 2019 09:43 PM (IST)
दोस्ती करें तो भगवान कृष्ण और सुदामा जैसी : महंत बलराम
दोस्ती करें तो भगवान कृष्ण और सुदामा जैसी : महंत बलराम

गुमला : महंत बलराम शरण बापू जी महाराज ने युवाओं से भगवान कृष्ण और सुदामा की तरह दोस्ती करने का आह्वान किया है। मुरकुंडा में चल रहे नौ दिवसीय यज्ञ के दौरान श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि भगवान कृष्ण और सुदामा की मित्रता विश्वास और निस्वार्थ भाव पर आधारित थी। इस कारण उन दोनों की जोड़ी दुनिया में सबसे ज्यादे विख्यात हुई। उन दोनों के दोस्ती में प्रेम का भाव छुपा हुआ था। आज के युवाओं को अपने मित्रों से प्रेम का भाव रखना होगा। छल कपट और स्वार्थ को त्यागना होगा। तभी जाकर मित्रता बरकरार रह सकेगी और आदर्श मित्र का उदाहरण पेश हो सकेगा। उन्होंने कहा कि आज के समय में मित्रों में प्रेम नहीं होता। प्रेम की जगह स्वार्थ छिपा होता है जिससे विश्वास की घटनाएं अधिक होती है। दोस्ती में लोग ठगे जाते हैं और बाद में अफसोस करते हैं। यज्ञ के दौरान मथुरा से आए रासलीला टीम द्वारा भगवान कृष्ण और सुदामा के शिक्षा और मित्र प्रेम के संदर्भ में झांकी प्रस्तुत किया किया। झांकी में दिखाया गया कि कृष्ण भगवान राजा के रूप में गुरुकुल पहुंचे हैं, सुदामा एक गरीब ब्राह्मण के रूप में वहां शिक्षा ग्रहण करते है, संदीपनी महाराज सभी को बराबर ज्ञान और प्यार दे रहे हैं। बलराम बापू जी महाराज ने शिव पार्वती विवाह के बाद आगे का कथा प्रस्तुत करते हुए कहा कि वर्तमान समय में हमारा समाज शुभ विवाह के नाम पर मांस और मदिरा का प्रयोग की ओर में आगे बढ़ रहा है। शुभ कार्य में मांस मदिरा का प्रयोग नहीं होना चाहिए। इसलिए आज के समय में अधिकतर शादी शुभ नहीं हो रही है। उन्होंने समाज को जोड़ने वाला रिश्ता बनाने की बात कही। समाज में फैली हुई कुप्रथा को दूर करने की बात कही। राधा भारती ने रामायण की कथा सुनाते हुए भगवान राम को त्याग और बलिदान के प्रतिमूर्ति बताया। कहा कि भगवान राम के भजन से ही हमारा कल्याण होगा। 11 फरवरी से चल रहे रूद्र महायज्ञ का समापन 19 फरवरी को होगा। यज्ञ समिति के सचिव भोला चौधरी ने 19 फरवरी को होने वाले पूर्णाहूति भंडारा में सभी भक्तजनों को शामिल होकर प्रसाद ग्रहण करने की अपील की है।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.