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अब बंजर भूमि पर होगी खेती, लहलहाएगी फसल

बाटम जिले में पहली बार पहुंची लेजर लैंड लेवलर मशीन किसानों को होगा लाभ ---- जागरण ि

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Jan 2022 07:21 PM (IST)Updated: Tue, 18 Jan 2022 07:21 PM (IST)
 अब बंजर भूमि पर होगी खेती, लहलहाएगी फसल
अब बंजर भूमि पर होगी खेती, लहलहाएगी फसल

बाटम

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जिले में पहली बार पहुंची लेजर लैंड लेवलर मशीन, किसानों को होगा लाभ

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जागरण विशेष फोटो : 6

गुरदीप राज, गुमला : अब जिले के किसानों को गांव छोड़कर पलायन करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। क्योंकि जिले में पहली बार लेजर लैंड लेवलर खेती उपकरण पहुंचा है। जिसका इस्तेमाल कर किसान अपने खेतों को चंद घंटों में ही समतल कर उपजाऊ भी बना सकते हैं। गुमला जिले के 12 प्रखंडों के 159 पंचायतों में 952 गांव है। पहाड़ियों के बीच बंजर पड़ी धरती कभी सरसें, धान व गेंहू, मंडुआ जैसे फसलों से लहलहाती थी। लेकिन आज इसमें झाड़ियां उग आई है। जिले में कुल साढ़े 31 हजार हेक्टेयर भूमि बंजर हो गई है। जिसमें वर्षों से खेती नहीं हुई है। जिले में खेती योग्य भूमि बंजर होने के कारण बर्बाद हो रही है। बंजर खेत में फसल नहीं उगती इस कारण मजदूरी के लिए ग्रामीण पलायन कर रहे हैं। किसानों का पलायन रोकने के लिए विकास भारती द्वारा बिशुनपुर में बायोटेक किसान हब परियोजना के अंतर्गत कस्टम हायरिग सेंटर खोला है जहां खेती कार्य में इस्तेमाल होने वाले रोटावेटर, जीरोटिल, सीड ड्रिल , सुपर सीडर रिफर मेकर मशीन जैसे अत्याधुनिक उपकरणों के सहयोग से किसान अपनी आय को दोगुना कर सकते हैं।

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75 मजदूरों का काम पांच घंटों में करेगी मशीन

वरीय कृषि वैज्ञानिक डा. संजय ने बताया कि अगर ढाई एकड़ में धान की रोपाई करनी हो तो करीब 75 मजदूर की आवश्यकता होगी। थ्रेसर, रोटावेटर की मदद से चंद घंटों में ही एक से दो मजदूरों की मदद से ढाई एकड़ खेत में धान की रोपाई हो जाएगी। अगर ढाई एकड़ में धान तैयार हो गया है और उसे काटने के लिए 35 मजदूरों की आवश्यकता होगी। लेकिन रिफर की मदद से पांच घंटे में ही एक मजदूर ही धान की कटाई कर सकता है।

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गांव में होगा समिति का गठन

कस्टम हायरिग सेंटर से उपकरण प्राप्त करने के लिए एक समिति बनाई जाएगी। यह समिति ही यह तय करेगी की किस उपकरण का कितना किराया होगा।

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कस्टम हायरिग सेंटर के आधुनिक मशीनों का उपयोग कर किसान अपनी आय को दोगुना कर सकेंगे। इसके साथ ही बंजर पड़ी जमीन को उपजाई भी बना सकेंगे। जो किसान दूसरे राज्यों में मजदूरी के लिए पलायन कर रहे हैं वैसे किसानों का पलायन रोकने में भी सेंटर मदद करेगा।

डा. संजय कुमार, वरीय वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केंद्र गुमला।


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