सोमारी की मौत से सरकारी व्यवस्था पर सवाल
गुमला में वृद्ध सोमरी की मौत से सरकारी व्यवसथा पर सवाल उठने लगे हैं।
जागरण संवाददाता,गुमला: गुमला जिला मुख्यालय से मात्र चार किमी की दूरी पर तेलगांव में गुरुवार की सुबह खून की उल्टी करने से 75 वर्षीया सोमारी उराइन उर्फ गंगी की मौत हो गई। वृद्धा की मौत के बाद ग्रामीण इसे भूख से हुई मौत का मामला बताने लगे। भूख की बात सामने आते ही प्रशासनिक हलके में हडकंप मच गया। आनन-फानन में गुमला सदर बीडीओ संध्या मुंडु और अंचलाधिकारी कुशलमय जेनेथ मुंडु मृतक के घर पहुंचे, और घर की जांच की इसमें हांडी में रात का बना चावल मिला लेकिन घर में अनाज का एक भी दाना नहीं मिला। अधिकारियों ने मानवीय आधार पर उसकी बेटी को कुछ अनाज व पैसे दिए गए। लेकिन बीपीएल नंबर या लाल कार्ड नहीं होने के कारण अन्य सरकारी सुविधा नहीं दिया जा सका। इस बीच प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी अरुण कुमार सिंह भी मौके पर पहुंचे और मृतक के घर में एक बोरा चावल रखवा दिया। बताया गया कि वह बुधवार को गांव के ही एक व्यक्ति के खेत में उड़द उखाड़ने गई थी वहीं से वह चावल लेकर घर आई थी। रात में उसी चावल का माड़-भात खाकर सभी लोग सोए थे। उसके साथ उसकी बेटी जतरो उरांव अपने तीन बच्चों के साथ रहती है। ग्रामीणों ने दावा किया भूख होने की मौत ग्रामीणों ने दावे के साथ कहा कि सोमरी की मौत भूख से हुई है। प्रदीप चौधरी, प्रदेश गृह रक्षा वाहिनी एसोसिएशन के अध्यक्ष कैलाश नाग आदि ने बताया कि सोमारी वास्तव में लाल कार्ड पाने की हकदार थी। परित्यक्तया बेटी और नतनी और नातिन को लेकर दबाव व तनाव में रहा करती थी। वृद्धा पेंशन की सुविधा जरुर मिली थी लेकिन वृद्ध महिला पेंशन की राशि निकालने में असमर्थ थी। उसे पेंशन निकालने के लिए गुमला जाना पड़ता था। शरीर जीर्ण शीर्ण होने के कारण गुमला जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाती थी। जमीन है पर नहीं होती खेती सोमारी के पास थोड़ा बहुत जमीन है लेकिन जमीन में फसल नहीं लगती क्योंकि फसल लगाने वाला घर में कोई नहीं था। मजबूरी में वह लोगों से अनाज भी मांगती थी। इसके बावजूद उसे न तो बीपीएल नंबर मिला था न ही लाल कार्ड। जिस कारण सरकारी राशन की दुकानों से उसे अनाज नहीं मिलता था। कभी कभार राशन दुकानदार उसे अपनी ओर से थोड़ा बहुत अनाज दे दिया करता था। पेटभर भोजन नहीं मिलने के कारण दिनोंदिन उसकी स्थिति खराब होती गई। मुखिया ने कहा कि नहीं थी जानकारी तेलगांव की मुखिया पूनम देवी का कहना था कि गरीबी से जूझ रही सोमारी के बारे में उन्हें जानकारी नहीं थी। टोटा मुहल्ला के लोगों ने भी उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी थी। भूख से बचाने के लिए पंचायत में दस हजार रुपये की राशि आई है। यदि जानकारी मिली होती तो वह निश्चित रुप से अपने स्तर से सोमारी को मदद जरुर करती। चिकित्सक ने बताया स्वभाविक मौत सोमारी की मृत्यु की खबर मिलने के बाद गुमला के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. साजिदुल्लाह खान अपनी टीम के साथ मृत सोमारी के घर पर पहुंचे। पूर्व और वर्तमान की स्थितियों की जानकारी ली। घर में अनाज नहीं होने की बात कबूल की। लेकिन भूख से मौत होने की बात को यह कहकर इंकार कर दिया कि बुधवार की रात में सोमारी के घर में भात बना था। रात में उसके खाना खाने की बात उसकी बेटी ने बताई है।