कोरोना संक्रमितों के लिए 327 सामान्य बेड , 111 आक्सीजन युक्त बेड की सुविधा
जागरण संवाददाता गुमला कोरोना संक्रमण से पीड़ित मरीज बेड के लिए इधर-उधर भटक रहे ह
जागरण संवाददाता, गुमला : कोरोना संक्रमण से पीड़ित मरीज बेड के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं। बेड व आक्सीजन के नाम पर बड़े शहरों में लाखों का खेल चल रहा हैं। गुमला जैसे जिले में कोरोना मरीजों के लिए 327 सामान्य बेड व 111 आक्सीजन युक्त बेड तो है। लेकिन जिले की बदकिस्मती ही इसे कहेंगे कि सदर अस्पताल में रखे 21 वेंटीलेंटरों के लिए विशेषज्ञ ही नहीं है। इसके कारण 15 वेंटीलेंटर को रांची रिम्स भेज दिया गया। जिले की सिविल सर्जन की नींद तब खुली जब कोरोना संक्रमित मरीजों का आना अस्पताल में शुरू हुआ। गंभीर बीमारी के मरीजों को बिना वेंटीलेंटर के अस्पताल में रखना संभव नहीं है। दुख की बात यह है कि गुमला सदर अस्पताल में रखे छह वेंटीलेटर के लिए एक माह से विशेषज्ञों की तलाश की जा रही है। लेकिन अब तक वेंटीलेटर के लिए विशेषज्ञ नहीं मिला। जिला प्रशासन बेड़ की संख्या व आक्सीजन की संख्या तो बढ़ा रहे है। लेकिन अगर वेंटीलेटर के लिए विशेषज्ञ भी रांची व अन्य शहरों से सदर अस्पताल के लिए मंगवाने की व्यवस्था कर दे तो गुमला के कोरोना संक्रमितों को रांची व दूसरे शहर इलाज के लिए जाने की आवश्यकता नहीं होगी। जिले में 64 डाक्टर, 4 स्टाफ नर्स के साथ 38 एनएचएम कार्यरत है। इसके साथ ही 116 एएनएम के साथ 228 एनएचएम जिले में कार्यरत है।
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जिले को जल्द मिलेगी पाइपलाइन युक्त 45 आक्सीजन युक्त बेड की सुविधा
जिले के सदर अस्पताल में तेजी से पाइपलाइन का कार्य किया जा रहा है। इसके पूरा होते ही 45 आक्सीजन युक्त बेड की सुविधा मरीजों को मिलनी शुरू हो जाएगी। अस्पतालों में कोरोना संक्रमण से प्रभावित मरीजों के समुचित ईलाज हेतु कुल 327 सामान्य बेड उपलब्ध हैं। जिसमें से 28 बेडों पर कोरोना संक्रमितों को रखा गया है। वहीं आक्सीजन युक्त बेडों की संख्या 111 है। जिसमें से 19 बेडों पर कोरोना संक्रमण से प्रभावित गंभीर मरीजों को रखा गया है। इसके साथ ही जिले में 120 आक्सीजन सिलेंडर मौजूद हैं। जिले में कोरोना संक्रमण के कुल 2009 एक्टिव मामले हैं। जिसमें से 1841 कोरोना संक्रमित मरीज होम आइसोलेशन में तथा 50 मरीजों को अस्पतालों में भर्ती किया गया है।
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जल्द होगी जिले में आरटीपीसीआर से टेस्टिग
जिले के पुगु ग्राम पंचायत में आरटीपीसीआर जांच केंद्र के अधिष्ठापन का कार्य किया जा रहा है। अबतक जांच केंद्र में निर्बाध विद्युत की व्यवस्था हेतु ट्रांसफॉर्मर तथा पेयजल की व्यवस्था की जा रही है। अविलंब सभी कार्य पूर्ण करते हुए आरटीपीसीआर के माध्यम से टेस्टिग का कार्य भी प्रारंभ कर दिया जाएगा।