गोड्डा स्टेशन से अप्रैल में ही ट्रेन चलने के आसार
संवाद सहयोगी गोड्डा जिला वासियों को अब भी गोड्डा से रेल परिचालन को लेकर और इंतजार क
संवाद सहयोगी गोड्डा : जिला वासियों को अब भी गोड्डा से रेल परिचालन को लेकर और इंतजार करना पड़ेगा। सीआरएस में जिस तरह रेलवे महकमा ने तत्परता दिखाई थी, कयास लगाया जा रहा था कि जल्द ही यानि मार्च के अंतिम सप्ताह में गोड्डा से रेल गाड़ी चलनी शुरू हो जायेगी लेकिन सीएसआर के 15 दिन बीत जाने के बाद जिस तरह से मालदा डिवीजन व रेलवे बोर्ड ने सुस्ती दिखाई है, इससे जिला वासियों को निराशा हुई है। ऐसे में अब पूरी संभावना है कि मार्च में गोड्डा से रेल नहीं चल पायेगी। लोगों को यह भी उम्मीद थी कि होली के पहले रेल सेवा शुरू हो जायेगी लेकिन रेलवे की निष्क्रियता से लोगों को निराशा हुई है। वहीं रेल स्टेशन आये एक व्यक्ति ने कहा कि रेलवे को सीआरएस से मतलब था, वह हो गया। रेल कब चलेगी यह बताने वाला कोई नहीं है कायदे से अबतक रेल सेवा शुरू हो जानी चाहिए थी। इससे रेलवे के सूत्र का कहना है गोड्डा दो पैसेंजर ट्रेन चलने में कही कोई दिक्कत नहीं थी। यह दोनों पैसेंजर ट्रेन पोड़ैयाहाट तक आ रही है लेकिन रेलवे बोर्ड व मालदा डिवीजन रेल परिचालन को लेकर सुस्त पड़ चुका है। लोगों का कहना है कि जनता की समस्या की परवाह मालदा डिवीजन को नहीं है अगर रहता हो अबतक रेलगाड़ी चल चुकी होती। वही जो अंदर खाने से जो बात आ रही है कि हमसफर को लेकर मामला फंसा हुआ है यह एक्सप्रेस ट्रेन है। घोषणा हुई है यही गाड़ी पहले चलेगी। ऐसे में कुछ तकनीकी प्रक्रिया पूरी करनी होगी। इसके बाद ही हमसफर चल सकती है। जिस तरह से रेलवे बोर्ड की सुस्ती है कही से नहीं लगता की अब मार्च में कोई गाड़ी चल पायेगी। बहुत कुछ संभव है कि हमसफर के कारण ही पोड़ैयाहाट तक आनेवाले दुमका जसीडीह व मंदारहिल भागलपुर पैसेंजर भी होल्ड पर है। उद्घाटन हमसफर से होना है ऐसे में जबतक हमसफर हो हरी झंडी नहीं मिलती है तब तक तो यही लगता है कोई सफर नहीं होगा इससे जिले के लोग मायूस है व इंतजार कर थक चुके है व रेलवे पर भी लोगों की नाराजगी है। वही मामले को लेकर मालडा डिवीजन को लोग कुछ भी नहीं बोल रहे है। मार्च तो समाप्ति पर है अब लोगों को उम्मीद है कि अप्रैल तक रेल चल सकती है। मालूम हो कि 5 मार्च को ही सीआरएस हो गया था इसके दो दिन बाद सीआरएस ने 90 किमी प्रति घंटा की स्पीड से गाड़ी चलाने की अनुमति दी थी।