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हाथी हरियारी में अक्षय स्त्रोत से अनवरत बहता पानी

जल संरक्षण सहेज लो हर बूंद -- प्रतिदिन हजारों गैलन पानी बह कर हो रहा बर्बाद -- पानी को

By JagranEdited By: Published: Tue, 11 May 2021 06:10 PM (IST)Updated: Tue, 11 May 2021 06:10 PM (IST)
हाथी हरियारी में अक्षय स्त्रोत से अनवरत बहता पानी
हाथी हरियारी में अक्षय स्त्रोत से अनवरत बहता पानी

जल संरक्षण सहेज लो हर बूंद

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-- प्रतिदिन हजारों गैलन पानी बह कर हो रहा बर्बाद -- पानी को संरक्षित करके जन उपयोगी बनाने के लिए बड़ी योजना की जरूरत

संवाद सहयोगी, पोड़ैयाहाट: ''रहिमन पानी राखिए बिन पानी सब सून'' के दोहे प्रखंड की सच्चाई को भटौंधा पंचायत में आत्मसात नहीं किया जा रहा है। प्रकृति ने भटौंधा पंचायत के हाथी हरियारी गांव में पानी का अक्षय स्त्रोत दिया है जहां दिन और रात पानी बेकार बहता रहता है। लेकिन इसे संरक्षित करने में सरकार आज तक कामयाब नहीं हो पाई है। परिणाम स्वरूप प्रतिदिन हजारों गैलन पानी बस यूं ही बह कर बर्बाद हो जाता है। गांव के ऊपर टोला में पानी की किल्लत है यह पानी ना तो पूरे गांव का प्यास बूझा पा रहा है और ना ही पटवन की ही कोई मुकम्मल व्यवस्था हो पाई है।

जल संरक्षण की उड़ रही धज्जियां: विश्व जल दिवस के अवसर पर एक माह पूर्व ही जल संग्रह को लेकर एक एक बूंद की संकल्प लेने वाला प्रशासनिक महकमा, जल संरक्षण के लिए चलाए जा रहे पंचायत स्तर पर जागरूकता अभियान, एक एक बूंद के लिए शपथ ग्रहण कराना यहां पर मजाक बनकर रह गया है।कई बार कई प्रशासनिक पदाधिकारी इस बहते जल स्त्रोत को देखने आए। उन्होंने आदेश भी निर्गत किया लेकिन आज तक उस आदेश का अमलीजामा नहीं पहनाया गया है जिसके कारण आज भी हजारों लीटर पानी बेकार बह रहे हैं। एक बार दैनिक जागरण में खबर छपने के बाद तत्कालीन उपायुक्त वीरेंद्र कुमार ने दौरा कर मनरेगा से पोखर खुदाने की बात कही और पोखर खुदाया भी गया लेकिन वह पोखर ऊंचे स्थल पर रहने के कारण उसमें पानी जमा नहीं हो पाता है और पर्याप्त गहराई में पोखर भी नहीं खुदाया जिसके कारण यह योजना सिर्फ कागजी ही बनकर रह गया। डेढ़ साल पूर्व प्रशिक्षु आईएएस व वर्तमान में भी अनुमंडलाधिकारी ऋतुराज ने भी स्थल का दौरा करके प्राक्कलन बनाने का और कार्य कराने का भरोसा दिलाया था लेकिन वह भी खटाई में पड़ गया।

यहां है पानी का अकूत भंडार: सिर्फ हाथी हरियारी ही नहीं बल्कि हरियारी मारी टोला में भी ऐसे ही चापाकल से दिन-रात पानी बहते रहता है।इसके अतिरिक्त निर्झर तालाब,बिहारीजोर आदि जगह हैं जहां की निरंतर पानी बहते रहता है इस बेकार पर बहते पानी को संरक्षित करने के लिए कोई उपाय नहीं किया गया है । क्या कहते ग्रामीण: ग्रामीण पोल मुर्मू ,राजेश मंडल आदि ने बताया कि इस बेकार बहते पानी को पीने के पानी तथा सिचाई में इसका उपयोग किया जा सकता है।प्रशासनिक पदाधिकारी द्वारा कई बार यहां पर निरीक्षण किया गया लेकिन आज तक उस पर कोई काम नहीं किया गया है जबकि भटौंधा में जल मीनार बनकर खड़ा है लेकिन आज कई वर्षों से पानी की आपूर्ति नहीं की जाती है इस पानी को संरक्षित किया जाय तो पटवन और पीने के लिए बहुत बड़ी आबादी को राहत मिल सकती है।

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पंचायत में पानी को संरक्षित करके जन उपयोगी बनाने के लिए बड़ी योजना की जरूरत है जो पंचायत फंड से संभव नहीं है। इस संबंध में कई बार पदाधिकारियों के द्वारा आश्वासन दिया गया।कई बार प्राक्कलन बनाकर कार्य करने को लेकर निर्देश दिया गया लेकिन आज तक जल संरक्षण को लेकर कार्य प्रारंभ नहीं हो पाया है ।दुर्भाग्य है कि इतना पानी बह रहा है और इसका कोई उपयोग नहीं हो पा रहा है। - दरोथी सोरेन, मुखिया, भटौंधा पंचायत।


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