नवडीहा में रेलवे हाल्ट बनाने की मांग
पोड़ैयाहाट गोड्डा रेलवे स्टेशन से रेल का परिचालन से जहां आम लोगों में क
संवाद सहयोगी, पोड़ैयाहाट : गोड्डा रेलवे स्टेशन से रेल का परिचालन से जहां आम लोगों में काफी खुशी है। वहीं पोड़ैयाहाट प्रखंड के दर्जनों गांव के लोगों में काफी मायूसी है कि उन्हें इस रेल लाइन से कोई खास फायदा नहीं है। जहां हाल्ट होना चाहिए वहां हाल्ट नहीं होकर दूसरे जगह हाल्ट बन जाने से आम लोगों की परेशानी कम नहीं हो रही है। खास करके पोड़ैयाहाट प्रखंड के नवडीहा शीतला स्थान जो रेलवे हाल्ट के लिए सबसे उपयुक्त स्थान था। वहां हाल्ट नहीं बनने से आसपास के दर्जनों गांव के लोग काफी निराश हैं। दरअसल भटौंधा चौक से बक्सरा तक जाने वाला यह सड़क दिन रात काफी व्यस्त रहता है। और इस रोड से काफी गांव का संपर्क है। ग्रामीणों का मानना है कि यहां पर हाल्ट देने से नवडीहा, भटौंधा, मानिकपुर, बिरनियां, बक्सरा, डहुपगार, वीर टोला, जनुमटोला, बोहरा सहित दर्जनों गांव के लोगों को इससे फायदा होगा। वर्तमान में जहां हाल्ट है वहां लोगों की आवाजाही काफी कम है। इसको लेकर ग्रामीणों ने स्थानीय सांसद डा निशिकांत दुबे को आवेदन दिया है। ग्रामीण देवेंद्र वर्मा ने बताया कि शीतला स्थान के पास हाल्ट नहीं बनाना काफी अदूरदर्शी निर्णय है। कम से कम हाल्ट बनाते समय इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि यहां से आम लोगों का संपर्क कितना ज्यादा होगा। ज्यादा लोगों को लाभ मिलेगा लेकिन इन सब बातों को बगैर ध्यान रखें हाल्ट दूसरे जगह बनाना सरकार के राजस्व की हानि ही है। अमड़ा कामत गांव के पवन यादव ने बताया कि सरकार कुछ दिन हाल्ट बना कर देख ले और यहां से होने वाले फायदे के विषय में जान ले और राजस्व के विषय में भी जान ले। अगर उन्हें लगेगा कि यहां हाल्ट बनाना गलत है तो वह फिर हाल्ट हटा लें। लेकिन उन्होंने दावा किया कि शीतला स्थान के पास हाल्ट बनाने से ना सिर्फ दर्जनों गांव का संपर्क बढ़ेगा बल्कि रेल विभाग को ज्यादा से ज्यादा राजस्व का लाभ भी होगा। वहीं तबरेज अंसारी ने बताया कि यह पूरा क्षेत्र किसान बहुल क्षेत्र है। सब्जी उत्पादन क्षेत्र है। अगर यहां हाल्ट बनता है तो यहां के किसानों को गोड्डा बाजार, देवघर, दुमका, भागलपुर आदि जैसे बड़े मंडी में अपना सब्जी व कृषि उत्पादित वस्तुओं को बेचने में आसानी होगी और किसानों को दुगुना लाभ भी होगा। वहीं विजय पंडित ने बताया कि अगर ग्रामीणों की मांगे नहीं मानी गई तो जोरदार आंदोलन चलाएंगे। लोगों की मांग वाजिब है पहले विभाग सर्वे करा कर देख ले। उनलोगों ने अपनी मांगों को लेकर रेलवे विभाग के पदाधिकारी और जनप्रतिनिधियों को आवेदन दिया है। यदि मांग पूरी नहीं हुई तो फिर आसपास के ग्रामीण आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।