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श्रद्धालुओं ने की मां के आठवें स्वरूप महागौरी की आराधना

जिले के विभिन्न प्रखंडो में स्थित मां दुर्गा मंदिर में श्रद्धालुओं ने शारीरिक दूरी का पालन करते हुए प्रतिमा की पूजा अर्चना की। कोविड 19 के कहर को देखते हुए प्रशासन द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन कराया जा रहा है। शनिवर को मंदिर

By JagranEdited By: Published: Sat, 24 Oct 2020 07:19 PM (IST)Updated: Sun, 25 Oct 2020 05:07 AM (IST)
श्रद्धालुओं ने की मां के आठवें  स्वरूप महागौरी की आराधना
श्रद्धालुओं ने की मां के आठवें स्वरूप महागौरी की आराधना

गोड्डा : जिले के विभिन्न प्रखंडो में स्थित मां दुर्गा मंदिर में श्रद्धालुओं ने शारीरिक दूरी का पालन करते हुए प्रतिमा की पूजा अर्चना की। कोविड 19 के कहर को देखते हुए प्रशासन द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन कराया जा रहा है। शनिवर को मंदिर परिसर में विधि व्यवस्थ बनाए रखने के लिए संबंधित मंदिर कमेटी के वालंटियर व पुलिस तैनात दिखी।

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ठाकुरगंगटी : प्रखंड क्षेत्र के मोरडीहा, भगैया, माल मंडरो, बनियाडीह, चपरी, मिश्र गंगती ठाकुरगंगटी के दुर्गा मंदिरों में शनिवार को अष्टमी की तिथि चंडी पाठ पूजा की गई। इस दौरान अष्टमी तिथि के अवसर पर सभी मंदिरों में अष्टमी की डलिया चढ़ाने वाली महिला श्रद्धालुओं ने मंदिर परिसर में बारी बारी से जाकर अपना अपना डलिया अर्पित किया। सभी मंदिरों में सामने काफी दूरी तक से ही बांस बल्ला बैरियर लगा दिया गया है ताकि श्रद्धालुओं की भीड़ एकत्रित नहीं हो सके। मात्र चार से सात श्रद्धालुओं को ही बैरियर के अंदर बांस बल्ले में प्रवेश कराई जाती है और फिर बाहर निकलने के लिए दूसरा रास्ता बनाया गया है। ताकि हर परिस्थिति में भीड़ से बचा जाए और शारीरिक दूरी का पालन हो सके। सभी जगह में दुर्गा पूजा समिति द्वारा मंदिर परिसर में मास्क लगाकर ही आना अनिवार्य कर दिया गया है जो श्रद्धालु बगैर मास्क के आते हैं तो मंदिर प्रबंधन और दुर्गा पूजा समिति द्वारा श्रद्धालुओं को निशुल्क रूप से मास्क भी वितरित किया जा रहा है। इस बार किसी भी प्रकार के प्रसाद का वितरण नहीं हो रहा है। वहीं मंदिर परिसर में किसी प्रकार का चढ़ावा चढ़ाने से भी मना कर दिया गया है। जल व अगरबत्ती की भी मनाही की गई है । सीधे अगरबत्ती का पैकेट श्रद्धालु मंदिर प्रबंधन और पूजा समिति के पास जमा कर देते हैं। मोरडीहा दुर्गा मंदिर में करीब 400 से अधिक महिला श्रद्धालुओं ने बारी बारी से आकर अपना-अपना डलिया अर्पित किया। वहीं करीब तीन दर्जन से अधिक श्रद्धालुओं ने सोने की टिकली सहित अन्य आभूषण अर्पित किया। मंदिर परिसर में एक श्रद्धालुओं को मात्र दो मिनट का समय दिया जा रहा है। और उन्हें बैरियर में प्रवेश करने से पूर्व यह जानकारी दे दी जाती है कि सिर्फ हाथ जोड़कर मन्नते मांगते हुए दो मिनट के अंदर मंदिर के बरामदे से बाहर निकल जाएं । इस प्रकार मंदिर प्रबंधन, पूजा समिति व पुलिस प्रशासन द्वारा हर हाल में शक्ति बरती जा रही है। किसी भी परिस्थिति में भीड़ की इजाजत नहीं है। मंदिर परिसर में दुकानें भी लगने नहीं दिया गया है। मंदिर परिसर से काफी दूर हटकर कुछ दुकानें लगी है। लेकिन उस दुकानदारों को भी मास्क लगाकर शारीरिक दूरी का पालन कराने का सख्त निर्देश दे दिया गया है। ताकि हर परिस्थिति में सुरक्षा कायम की जा सके। रविवार को नवमी तिथि के अवसर पर चंडी पाठ के अंत में हवन कार्यक्रम होगा। लेकिन इस बार हवन कार्यक्रम में भी 15 से अधिक श्रद्धालु भाग नहीं ले सकेंगे। हवन कार्यक्रम भी बिल्कुल सादगी पूर्वक संपन्न करने का निर्णय ले लिया गया है। थाना प्रभारी फुलेश्वर सिंह सहित थाना के सभी पुलिस पदाधिकारी और सभी पुलिसकर्मी अलग अलग टीम बनाकर दिन और रात्रि में लगातार गस्ती कर रहे हैं। ताकि इस कोरोना काल में हर प्रकार से क्षेत्रवासी सुरक्षित रहें।

मेहरमा : शारदीय नवरात्र के महाअष्टमी को प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न दुर्गा मंदिर के अलावे ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोगों ने मां के आठवें स्वरूप महागौरी पूजा आराधना की गई। इस मौके पर कसबा स्थित मां काली मंदिर परिसर में काली मंदिर पूजा समिति के सदस्यों द्वारा सरकार के निर्देशानुसार सभी श्रद्धालुओं को मंदिर परिसर में पूजा कराने में सहयोग करते दिखे। वही कमेटी के सक्रिय सदस्य मयंक कुमार मिश्र ने बताया कि बीते कई वर्षों से काली मंदिर युवा समिति की ओर से भव्य जागरण का कार्यक्रम होते आया था, परंतु इस वर्ष कोरोना के कारण केवल सादगी तरीके से मां की पूजा आराधना की जाएगी। वहीं नवमी को अंतिम बलि प्रदान के साथ पूजा का समापन किया जाएगा। इसके अलावे पत्तीचक में यजमान रंजन कुमार सिंह व उनकी पत्नी नीलू सिंह ने पूजा अर्चना की। वही बलबड्डा स्थित दुर्गा मंदिर परिसर में थाना प्रभारी दीप नारायण सिंह ने मां के दर्शन कर क्षेत्र के लिए अमन-चैन व शांति की दुआ मांगी। इस मौके पर उनके साथ पूजा समिति के अध्यक्ष अरुण राम सहित अन्य मौजूद थे इसके अलावा पिरोजपुर, मेहरमा सहित ग्रामीण क्षेत्रों में धूमधाम से पूजा मनाने की खबर है। इस अवसर पर काली मंडप पूजा समिति के सक्रिय सदस्य राकेश कुमार मिश्र प्रमोद कुमार मिश्र ,संदीप कुमार मिश्र, अनुभव आनंद, बादल मिश्र, निर्मल कुमार मिश्र आदि श्रद्धालुओं को भरपूर सहयोग कर रहे हैं।

- पोडै़याहाट : पोडै़याहाट प्रखंड मुख्यालय समेत ग्रामीण क्षेत्रों में दुर्गा पूजा पंडाल एवं मंदिरों में महाष्टमी को लेकर श्रद्धालुओं की भीड़ अहले सुबह से ही लगी रही। खास करके महिलाओं में डलिया चढ़ाने को लेकर ज्यादा भीड़ थी। पूजा पंडालों और मंदिरों में दुर्गा सप्तशती पाठ के साथ शनिवार को दुर्गा के महागौरी रूप की पूजा अर्चना की गई। ग्रामीण क्षेत्रों में भी महाष्टमी की उत्साह काफी अधिक थी। निकटतम शहरों में रहने वाले लोग भी महाअष्टमी के दिन अपने ग्रामीण मंदिरों एवं घरों में पूजा के लिए पहुंचे हुए थे जिससे मंदिरों में काफी चहल-पहल थी । लेकिन सबके बावजूद भी आम सालों के अपेक्षा इस बार दुर्गा पूजा में कोविड 19 का असर देखा गया। मंदिरों में भीड़ तो थी लेकिन अपेक्षाकृत प्रतिवर्ष से इस बार भी कम देखी गई। प्रखंड के बक्सरा, पुर्वेडीह, बिरनियां, देवंधा, मानिकपुर ,डांड़ै, रघुनाथपुर, देवडांड़ , हरियारी सहित सभी गांवों में दुर्गा पूजा को लेकर भक्तिमय वातावरण बना हुआ है। लोगों ने अपने घरों में पूजा अर्चना के बाद मंदिरों में जाकर माता दुर्गा के दर्शन किए। - पथरगामा : प्रखंड मुख्यालय सहित ग्रामीण इलाकों के दुर्गा मंदिर में महाष्टमी को महिलाओं ने मां भगवती को डलिया चढ़ाई। बता दें कि सुबह सात बजे से सुबह 11 बजे तक महिला श्रद्धालुओं ने उपवास रखकर फल, फूल, मिष्ठान से मां दुर्गा को डलिया चढ़ाकर निर्धारित समय पर पूजा अर्चना की। कोविड - 19 को ध्यान में रखते हुए प्रखंड मुख्यालय सहित ग्रामीण इलाकों के दुर्गा मंदिरों पट बंद रखा गया था। श्रद्धालु मां दुर्गा मंदिर के गेट पर ही मां दुर्गा डलिया चढ़ाकर पूजा - अर्चना की। किसी भी महिला को अष्टमी का डलिया चढ़ाने के लिए मंदिर में प्रवेश करने नहीं दिया गया। मंदिर के बाहर बारी-बारी से महिलाओं ने डलिया जोड़ने का कार्य की और मां दुर्गा की पूजा अर्चना किया। बता दें कि सरकार के इस नियम से इस बार मां भगवती की डलिया चढ़ाने वाली महिलाएं भी शारीरिक दूरी का पालन कर रही थी। प्रखंड मुख्यालय के ऐतिहासिक दुर्गा मंदिर बारकोप, बड़ी दुर्गा मंदिर पथरगामा, वैष्णवी दुर्गा मंदिर लौगाय में मजिस्ट्रेट एवं पुलिस पदाधिकारी तैनात दिखे। वैष्णवी दुर्गा मंदिर बिषाहा, रजौन मोड़ में सिर्फ पुलिस पदाधिकारी ही देखे गए। बिषाहा रजौन मोड़ दुर्गा मंदिर में मजिस्ट्रेट की तैनाती मंदिर परिसर में नहीं देखी गई।

मौके पर आयोजन समिति के नकुल राय, सुरेश यादव, महेश डागरी, विपिन कुमार यादव, भूदेव पंडित, बड़ी दुर्गा मंदिर पथरगामा में आयोजन समिति के निगम भगत रवि भगत, सुरेंद्र यादव, यदुनंदन यादव आदि मौजूद थे।

- संवाद सहयोगी, ललमटिया : शनिवार को ललमटिया के पुरानी दुर्गा मंदिर एवं राजमहल परियोजना द्वारा निर्मित दुर्गा मंदिर में मां के आठवें स्वरूप देवी महागौरी की पूजा अर्चना की गई। महाअष्टमी के अवसर पर श्रद्धालुओं ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए शारीरिक दूरी का पालन करते हुए पूजा अर्चना की। मन्नत के अनुसार मां के मंदिर में डाला चढ़ाया। हालांकि कोविड 19 काल में सरकार के गाइडलाइन का पालन करते हुए पूजा अर्चना की गई। श्रद्धालुओं ने मंदिर परिसर में पूजा कर मां दुर्गा से धन-धान्य, सुख-समृद्धि की कामना करते हुए इस वैश्विक महामारी से मुक्ति दिलाने की प्रार्थना की । बाबा शालिग्राम पांडे ने बताया कि अष्टमी के दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है। इसे महाष्टमी भी कहा जाता है। उन्होंने बताया कि मां महागौरी पापों का नाश करती हैं। मां महागौरी की पूजा का नवरात्र के दिनों में करना अधिक श्रेयस्कर माना गया है। नवरात्र में माता के विभिन्न रूपों की पूजा करने से पाप से मुक्ति मिलती है। विचारों में शुद्धता आती है। हर प्रकार की नकारात्मकता दूर हो जाती है । - संवाद सूत्र, महागामा : नवरात्र के आठवें दिन शनिवार को श्रद्धालु मां दुर्गा के आठवें स्वरूप महागौरी की आराधना की गई। इस दौरान महागामा, ऊर्जानगर, लहठी, खुटहरी व संग्रामपुर के मां दुर्गा मंदिरों में महिला श्रद्धालु भक्तों द्वारा फल, फूल व पकवान से भरा डलिया चढ़ाया गया। शनिवार सुबह चार बजे से ही डलिया चढ़ाने के लिए महिला श्रद्धालु एकत्रित हुई थी। विभिन्न मंदिरों में पूजा समितियों द्वारा मास्क पहनकर का शारीरिक दूरी का पालन करते हुए भक्तों को मंदिर में प्रवेश कराया गया। श्रद्धालुओं व भक्तों ने माथा टेक कर देवी देवताओं के प्रतिमा के दर्शन किए। पंडित ने बताया कि मां के महागौरी स्वरूप की पूजा - अर्चना, उपासना, आराधना, कल्याणकारी है। इनकी कृपा से अलौकिक सिद्धियां भी प्राप्त होती है। आदि शक्ति महागौरी का स्वरूप पूर्णता गौर वर्ण है। इसकी उपमा शंख, चंद्र और कुंद के फूल से दी गई है। उनके सभी आभूषण और वस्त्र सफेद हैं। इनकी चार भुजाएं है और वाहन वृषभ है। इनकी पूजा से भक्तों के तमाम पाप धुल जाते हैं साथ ही पूर्व संचित पाप भी नष्ट हो जाते हैं।


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